बड़ा खुलासा: पाकिस्तानी नौसेना के पास घातक पनडुब्बी, भारत के लिए बन सकता है बड़ा खतरा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 17, 2020 07:05 AM2020-04-17T07:05:02+5:302020-04-17T07:05:02+5:30
अमेरिकी पत्रिका की रिपोर्ट से पाकिस्तानी पनडुब्बी के बारे में लोगों को पता चला है. इस पाकिस्तानी पनडुब्बी का नाम एक्सक्राफ्ट है. इस एक्सक्रफ्ट के बारे में किसी भी किताब या दस्तावेज में जिक्र नहीं है.
नई दिल्ली: भारत के चिर प्रतिद्वंदी पड़ोसी देश पाकिस्तान की नौसेना के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान की नौसेना एक बेहद घातक पनडुब्बी का इस्तेमाल कर रही है जिसे उसने अब तक दुनिया से छिपाकर रखा हुआ था. यह रहस्यमय सबमरीन पाकिस्तान के कराची स्थित पीएनएस इकबाल स्पेशल नेवल बेस पर तैनात है. इस पनडुब्बी के खुलासे के बाद भारत की चिंता बढ़ गई है.
एक अमेरिकी पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी नेवी सील इस किलर पनडुब्बी का इस्तेमाल करती है. इस पाकिस्तानी पनडुब्बी का नाम एक्सक्राफ्ट है. इस पनडुब्बी के बारे में पाकिस्तान ने कितनी गोपनीयता बरती है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक्सक्रफ्ट के बारे में किसी भी किताब या दस्तावेज में जिक्र नहीं है. पत्रिका के मुताबिक पहली बार इस गोपनीय पनडुब्बी के बारे में दुनिया को पता चला है.
बेहद छोटी पाकिस्तान की यह पनडुब्बी लेकिन घातक साबित हो सकती है
पाकिस्तान की यह पनडुब्बी बेहद छोटी लेकिन घातक है. इसे स्पेशल फोर्सेस के लिए बनाया गया है. यह पनडुब्बी 55 फुट लंबी और 7 से 8 फुट चौड़ी है. यह आम पनडुब्बी का एक हिस्सा मात्र है. एक्सक्र ाफ्ट का इस्तेमाल और इसे कहां जाना है, इसका फैसला पाकिस्तान का स्पेशल सर्विस ग्रुप करता है. यह अमेरिका के नेवी सील की तरह काम करता है. इसलिए इन्हें पाकिस्तानी नेवी सील कहा जाता है. यह समूह लंबे समय से अमेरिकी नेवी सील से प्रशिक्षण लेता रहा है.
पाक ने इटली से ली थीं छोटी पनडुब्बियां पाकिस्तान की यह नई एक्सक्राफ्ट पनडुब्बी कुछ उसी तरह से है जैसे वह पहले इटली से खरीदता आया है. इटली ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इस तकनीक को ब्रिटिश नौसेना से खरीदा था. पाकिस्तान की अत्याधुनिक एक्सक्र ाफ्ट पनडुब्बी की तुलना अमेरिका के ड्राय कॉम्बैट सबमरीन से की जाती है. यह सबमरीन अमेरिका की नेवी सील इस्तेमाल करती है.
पनडुब्बी की स्पष्ट तस्वीर वर्ष-2016 में आई थी
पाकिस्तान के रक्षा उत्पादन डिवीजन के ईयर बुक में वर्ष-2016 में दिए डिटेल में केवल इतना कहा गया है कि इस पनडुब्बी को पाकिस्तान में डिजाइन किया गया है और इसका निर्माण भी यहीं हुआ है. मौजूदा स्थिति की ठोस जानकारी नहीं है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि यह पाकिस्तानी पनडुब्बी बहुत कम पानी में जाती है. यह अधिकांश वक्त पीएनएस नेवल बेस पर ही रहती है. इस पनडुब्बी की स्पष्ट तस्वीर वर्ष-2016 में ही सामने आई थी. इसी वजह से यह पनडुब्बी अभी किस हालत में है, इसके बारे में जानकारी नहीं है. इसके ऊपर टेंट लगाए गए हैं जो अक्सर हटाए जाते रहते हैं. माना जा रहा है कि पनडुब्बी की अभी मरम्मत चल रही है. हालांकि इस पनडुब्बी का सही-सही नाम क्या है और यह क्या करती है, अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है.