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पाकिस्तान ने 10 लाख अफगान शरणार्थियों को देश से निकाला, दोनों मुल्कों में मची भारी अफरा-तफरी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 31, 2023 12:31 IST

पाकिस्तान में इस वक्त लगभग 4 मिलियन से अधिक अफगान शरणार्थी हैं, जिनमें से लगभग 1.7 मिलियन का कोई दस्तावेज नहीं है।

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ठळक मुद्देपाकिस्तान में इस वक्त लगभग 4 मिलियन से अधिक अफगान शरणार्थी हैंइन अफगान शरणार्थी में से लगभग 1.7 मिलियन के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की बड़ी संख्या 1979 में हुए सोवियत हमले के बाद से मौजूद है

कराची: पाकिस्तान द्वारा बिना वैध दस्तावेज के मुल्क में रहने वाले अवैध प्रवासियों को वतन छोड़ने के लिए तय की गई 1 नवंबर की तारीख नजदीक आ रही है, भारी संख्या में अफगानी लोग मुल्क वापसी के लिए मजबूर हो रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं मुहम्मद रहीम, जो कराची से अफगान सीमा जाने के लिए बस में हो गये। रहीम ने पाकिस्तानी महिला से निकाह किया है और उनसे पैदा होने वाले बच्चे भी पाकिस्तान की नागरिकता रखते हैं लेकिन उन्हें अफगानिस्तान वापस लौटना पड़ रहा है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए 35 साल के मुहम्मद रहीम ने कहा, "अगर उन्होंने हमें वापस नहीं भेजा तो हम अपनी पूरी जिंदगी यहीं इसी शहर में गुजारेंगे। लेकिन मेरे पास पाकिस्तानी होने की कोई वैध पहचान नहीं है।"

इस संबंध में अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा कि 23 सितंबर से 22 अक्टूबर के बीच लगभग 60,000 अफगान नागरिक पाकिस्तान से लौटे हैं।

तालिबान शरणार्थी मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मुतालेब हक्कानी ने 26 अक्टूबर को रॉयटर्स को बताया कि अभी हाल के दिनों में रोजाना वापसी के आंकड़े सामान्य से तीन गुना अधिक हैं।

कराची का सोहराब गोथ क्षेत्र अफगानी लोगों की बड़ी बस्तियों में से एक है। अज़ीज़ुल्लाह नामक एक बस सेवा ऑपरेटर ने कहा कि उसने वापसी के अतिरिक्त सेवाएं दी हैं। लेकिन बावजूद उसके अफ़ग़ानिस्तान की ओर जाने वाली अन्य बस सेवाओं की लाइनें पहले से बनी हुई हैं।

अज़ीज़ुल्लाह ने कहा, "पहले मैं सप्ताह में एक बस चलाता था, अब हमारे पास सप्ताह में चार से पांच बसें हैं।" रॉयटर्स ने सोहराब गोथ में सात शरणार्थी परिवारों के साथ-साथ चार तालिबान और पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत की। जिन्होंने कहा कि इस्लामाबाद की धमकी और उनके उत्पीड़न में वृद्धि होने के कारण अफगानी परिवार अब धीरे-धीरे पाकिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बत्या कि हालात इतने खराब है कि जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें भी अफगान सीमा की ओर धकेला जा रहा है।

हालांकि इस मामले में पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की ओर से कई टिप्पणी नहीं की गई है लेकिन पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने जरूर कहा कि प्रवासियों को निकालने की योजना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और सिद्धांतों के अनुरूप थी। उन्होंने कहा, "हमारे लाखों अफगान भाइयों और बहनों की मेजबानी करने में पिछले चालीस वर्षों का हमारा रिकॉर्ड खुद इस बात की तस्दीक कर रहा है कि वो दशकों से यहां अवैध तरीके से रह रहे थे।"

पाक सरकार की माने तो इस वक्त पाकिस्तान में लगभग 4 मिलियन से अधिक अफगान शरणार्थी हैं, जिनमें से लगभग 1.7 मिलियन का कोई दस्तावेज नहीं है। प्रवासियों में सबसे बड़ा हिस्सा अफ़गानों का है। कई लोग तो साल 2021 में तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान पर दोबारा कब्ज़ा करने के बाद आए थे, लेकिन शरणार्थियों की बड़ी संख्या साल 1979 के सोवियत हमले के बाद से मौजूद है।

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