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सत्तारूढ़ एनसीपी की आम सभा के आयोजन के लिए ओली ने नई समिति का गठन किया, दूसरे खेमे ने भी बैठक की

By भाषा | Updated: December 22, 2020 19:00 IST

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काठमांडू, 22 दिसंबर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने टूट की ओर बढ़ रही सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

इस बीच, पार्टी में ओली के प्रतिद्वंद्वी खेमे ने भी पार्टी विभाजन की घोषणा करने की तैयारी कर ली है।

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ दल के दो प्रमुखों में से एक ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी की केंद्रीय समिति के अपने करीबी सदस्यों के साथ बैठक के दौरान नई समिति की घोषणा की।

नवगठित आम सभा आयोजन समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री की उपस्थिति में शपथ ली। बैठक में नारायण काजी श्रेष्ठ को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटाने का भी निर्णय लिया गया।

केंद्रीय समिति के सदस्य बिनोद श्रेष्ठ ने कहा कि स्थायी समिति के सदस्य एवं विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली को पार्टी का नया प्रवक्ता नियुक्त किया गया है।

ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आश्चर्यचकित करते हुए रविवार को राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश कर दी और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘‘प्रचंड’’ के बीच सत्ता के लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बीच यह कदम उठाया गया।

'माई रिपब्लिका' की रिपोर्ट के मुताबिक, ओली ने केंद्रीय समिति में अपना बहुमत प्राप्त करने के लिए यह कदम उठाया है।

नवगठित समिति में सत्तारूढ़ पार्टी की मौजूदा 446 सदस्यीय केंद्रीय समिति में 556 और सदस्यों को जोड़ा गया है।

अपने खेमे के केंद्रीय समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि अगर कुछ नेता छोड़कर चले भी जाते हैं तो इससे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

बैठक में उन्होंने काठमांडू में अगले वर्ष 18-23 नवंबर तक आम सभा के आयोजन का प्रस्ताव रखा। इससे पहले यह आयोजन 7-12 अप्रैल 2021 को होना तय था।

ओली द्वारा नई समिति के गठन की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब सत्तारूढ़ दल का प्रतिद्वंद्वी खेमा भी पार्टी विभाजन की औपचारिक घोषणा करने की तैयारी में है।

प्रचंड की अगुवाई वाले खेमे ने भी काठमांडू में अलग से केंद्रीय समिति की बैठक की।

इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल एवं झालानाथ खनाल के अलावा पूर्व कृषि मंत्री घनश्याम भुशाल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

दोनों ही खेमों ने पार्टी की मान्यता एवं चुनाव चिन्ह को अपने पास रखने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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