मौन से लेखन की प्रेरणा लेने वाली नोबेल विजेता टोनी मॉरिसन का निधन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 6, 2019 07:57 PM2019-08-06T19:57:49+5:302019-08-06T20:17:32+5:30
टोनी मॉरिसन को 1993 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें अमेरिका का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार भी मिला था।
नोबेल विजेता अमेरिकी लेखक टोनी मॉरिसन का 88 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। मॉरिसन को 1993 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था। मॉरिसन को अमेरिका का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार भी मिला था।
मॉरिसन ने अपने छह दशकों लम्बे करियर में 11 उपन्यास, पाँच बाल-उपन्यास और दो नाटक लिखे थे। उनका पहला नॉवेल The Bluest Eye 1970 में प्रकाशित हुआ था। Beloved, Song of Solomon, The Bluest Eye उनके सर्वाधिक चर्चित उपन्यास हैं।
मॉरिसन का जन्म 18 फरवरी 1931 को अमेरिका को ओहायो में हुआ था। उनका मूल नाम चोलोई आर्डेलिया वूफोर्ड था।
मॉरिसन ने अपने पहले उपन्यास में एक अफ्रीकी-अमेरिकी महिला की कहानी कही थी। मॉरिसन पेशे से प्रोफेसर थीं और उन्होंने संपादन भी किया था।
टोनी मॉरिसन अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में एमेरिटस प्रोफेसर थीं।
साल 2003 में न्यूयॉर्कर को दिए इंटरव्यू में मॉरिसन ने कहा था कि 'मौन मुझे लिखने के लिए प्रेरित करता है।'
मॉरिसन को शब्दों के सामर्थ्य में अटूट विश्वास था। उन्होंने कहा था, "हम मरते हैं। शायद यही जीवन का अर्थ हो। लेकिन हम भाषा को बरतते हैं। शायद वही जीवन को मापने का पैमाना हो।"
मॉरिसन का जन्म 18 फरवरी 1931 को अमेरिका को ओहायो में हुआ था। उनका मूल नाम चोलोई आर्डेलिया वूफोर्ड था।
टोनी मॉरिसन को अमेरिका का प्रेंसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था।