Nobel Peace Prize 2021: दो पत्रकारों- मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार, जानिए इनके बारे में
By विनीत कुमार | Published: October 8, 2021 02:49 PM2021-10-08T14:49:24+5:302021-10-08T15:18:01+5:30
नोबेल शांति पुरस्कार-2021 मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव को देने का ऐलान किया गया है। इन्हें यह पुरस्कार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए दिया गया है।
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मारिया रेसा और दिमित्री मुरातोव को नोबेल शांति पुरस्कार (फोटो- ट्विटर)
नई दिल्ली: नोबेल शांति पुरस्कार-2021 की घोषणा कर दी गई है। इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए फिलीपींस की मारिया रेसा और रूस के दिमित्री मुरातोव को देने की घोषणा की गई है। दोनों पेशे से पत्रकार हैं। इस संबंध में नोबेल प्राइज के ट्विटर हैंडल की ओर से जानकारी दी गई। यह पुरस्कार किसी उस संगठन या व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने राष्ट्रों के बीच भाइचारे और बंधुत्व को बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ काम किया हो।
नोबेल समिति की ओर से कहा गया ये दोनों उन सभी पत्रकारों के प्रतिनिधि हैं जो एक ऐसी दुनिया में इस आदर्श के लिए खड़े हो रहे हैं जिसमें लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता तेजी से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही है।
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 8, 2021
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2021 Nobel Peace Prize to Maria Ressa and Dmitry Muratov for their efforts to safeguard freedom of expression, which is a precondition for democracy and lasting peace.#NobelPrize#NobelPeacePrizepic.twitter.com/KHeGG9YOTT
पिछले साल यह पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को दिया गया था, जिसकी स्थापना 1961 में विश्व भर में भूख से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के निर्देश पर किया गया था।
रोम से काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ने और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (11.4 लाख डॉलर से अधिक राशि) दिए जाते हैं।
Nobel Peace Prize 2021: मारिया रेसा कौन हैं?
मारिया रेसा ने अपने देश फिलीपींस में सत्ता के दुरुपयोग, हिंसा और बढ़ती 'तानाशाही' को उजागर करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग किया। वे 2012 में खोजी पत्रकारिता के लिए बने एक डिजिटल मीडिया कंपनी Rappler की सह-संस्थापक हैं और आज भी इसका नेतृत्व कर रही हैं।
एक पत्रकार और रैपल्र के सीईओ के रूप में रेसा ने खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के एक निडर रक्षक के रूप में प्रस्तुत किया है। रैपर ने फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के शासन के दौरान एंटी-ड्रग्स कैंपेन को विवादास्पद तरीके से कुचलने के प्रयास को प्रमुखता से दुनिया के सामने रखा है।
रेसा और Rappler ने यह भी प्रमुखता से बताया है कि से सोशल मीडिया का उपयोग फेक न्यूज समाचार फैलाने, विरोधियों को परेशान करने और लोगों के मत को हेरफेर करने के लिए किया जा रहा है।
Nobel Peace Prize 2021: दिमित्री मुरातोव के बारे में जानिए
दिमित्री मुरातोव पिछले करीब तीन दशक से रूस में तेजी से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं। साल 1993 में वह समाचार पत्र 'नोवाजा गजेट' (Novaja Gazeta) के संस्थापकों में से एक थे। इसके बाद 1995 से वे कुल 24 वर्षों तक अखबार के प्रधान संपादक रहे हैं।
नोवाजा गजेट आज रूस में सबसे आजाद समाचार पत्र है, जिसमें सत्ता के प्रति मौलिक रूप से आलोचनात्मक रवैया अपनाया जाता रहा है। 1993 में अपनी शुरुआत के बाद से नोवाजा गजेट ने भ्रष्टाचार, पुलिस हिंसा, गैरकानूनी गिरफ्तारी, चुनावी धोखाधड़ी से लेकर रूस के भीतर और बाहर रूसी सैन्य बलों के उपयोग तक के विषयों पर महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित किए हैं।
इससे पहले गुरुवार को ब्रिटेन में रहने वाले तंजानियाई लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई थी। वहीं, नोबेल समिति ने सोमवार को चिकित्सा के लिए, मंगलवार को भौतिकी के लिए और बुधवार को लिए रसायनविज्ञान के लिए विजेताओं के नाम की घोषणा की थी।