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चीन में सूअर के अंदर मिला महामारी फैलाने वाला नया फ्लू वायरस, है बेहद खतरनाक

By विनीत कुमार | Updated: June 30, 2020 09:17 IST

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के संकट के बीच एक नए वायरस के बारे में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस फ्लू वायरस पर नजर रखना जरूरी है और ये इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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ठळक मुद्देवैज्ञानिकों को चीन में सुअर में मिला नया खतरनाक फ्लू वायरस, फिलहाल खतरा नहींदुनिया में आखिरी फ्लू महामारी साल 2009 में आई, अब वैज्ञानिकों की इस पर है नजर

पूरी दुनिया चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रही है। इस बीच चीन में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे फ्लू के नस्ल के बारे में पता लगाया है जो महामारी का रूप ले सकती है। इसके बारे में हाल में ही पता लगा है और ये सूअर के अंदर मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार हालांकि, ये इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार शोध करने वालों को आशंका है कि इस नए वायरस में और ज्‍यादा म्‍यूटेट होने की क्षमता हो और ये आसानी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये तत्काल कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन इसमें इंसानों को बुरी तरह से प्रभावित करने की क्षमता है और इसलिए इस पर करीब से नजर रखी जानी चाहिए। 

नया वायरस, नया खतरा

वैज्ञानिकों के मुताबिक चूकी ये नया वायरस है इसलिए इंसानों में इसके लिए बहुत कम या बिल्कुल भी प्रतिरोधक क्षमता नहीं होगी। दुनिया में आखिरी फ्लू महामारी साल 2009 में आई थी। ये स्वाइन फ्लू था और मेक्सिको से इसकी शुरुआत हुई। वैसे स्वाइन फ्लू उतना घातक साबित नहीं हुआ जितना अनुमान लगाया जा रहा था। 

ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि स्वाइन फ्लू के वायरस और पहले से मौजूद फ्लू वायरस में कई समानता थी। स्वाइन फ्लू का कारक यह वायरस A/H1N1pdm09 अब हर साल लगने वाली फ्लू वैक्‍सीन के अंतर्गत आता है। 

चीन में अब जिस फ्लू के वायरस की पहचान हुई है, वह भी स्‍वाइन फ्लू की तरह ही है लेकिन इसमें कुछ बदलाव भी मिले हैं। इस वायरस से फिलहाल किसी खतरे की बात नहीं बताई गई है लेकिन प्रोफेसर किन चाउ चैंग और उनके साथी जो इस पर शोध कर रहे हैं, उनका मानना है कि इस पर नजर रखनी होगी।

G4 EA H1N1 है नए वायरस का नाम

वैज्ञानिकों के मुताबिक नए वायरस G4 EA H1N1 में इंसानी कोशिकाओं के अंदर रहने हुए खुद को और विकसित करने की क्षमता है। इसके सबूत भी मिले हैं क्योंकि शोध और चीन के स्वाइन इंडस्ट्री में पर काम कर रहे कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती लक्षण मिले हैं।

अहम ये भी है कि फ्लू के वर्तमान वैक्‍सीन जो उपलब्ध हैं, वे इस वायरस के खिलाफ रक्षा करने में सक्षम नहीं है। प्रफेसर चांग के अनुसार अभी दुनिया कोरोना संकट से घिरी है लेकिन इसके बावजूद संभावित खतरनाक वायरसों पर से इंसान को नजर हटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। प्रोफेसर चांग अभी यूके के नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में काम करते हैं।

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