नवाज शरीफ चौथी बार बने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 27, 2023 14:11 IST2023-12-27T14:09:07+5:302023-12-27T14:11:44+5:30
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि वह आगामी संसदीय चुनाव में नवाज शरीफ को सर्वसम्मती से अपना उम्मीदवार बना रही है।

फाइल फोटो
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि वह आगामी संसदीय चुनाव में नवाज शरीफ को सर्वसम्मती से अपना उम्मीदवार बना रही है। नवाज शरीफ इससे पहले भी तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। लंदन में चार साल निर्वासन बिताने के बाद वो अक्टूबर महीने में पाकिस्तान वापस लौटे हैं।
समाचार वेबसाइट हंदुस्तान टाइम्स के अनुसार उससे पहले नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल की सजा काट रहे थे लेकिन खराब स्वास्थ्य के आधार पर पाकिस्तान की कोर्ट ने उन्हें विदेश में इलाज कराने के लिए जेल से रिहा कर दिया था। दिलचस्प यह है कि शरीफ की वापसी के बाद उनके द्वारा की गई अपील पर कोर्ट ने दोषसिद्धि और सजा को पलट दिया था।
जिससे कारण नवाज शरीफ के लिए संसदीय चुनावों में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया था। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। उसके नजीते आने के बाद पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिलेगा।
पीएमएल (नवाज) के वरिष्ठ नेता राणा सनाउल्लाह खान ने नवाज शरीफ की उम्मीदवारी की पुष्टि करते हुए कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है। नवाज शरीफ साहब प्रधानमंत्री पद के लिए हमारे उम्मीदवार हैं।"
इससे पहले बीते मंगलवार को नेशनल असेंबली 130 लाहौर के रिटर्निंग ऑफिसर ने आगामी आम चुनावों के लिए नवाज शरीफ का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, नवाज शरीफ के नामांकन पत्रों की गहन जांच के बाद चुनाव अधिकारी असगर जोया को कोई आपत्ति नहीं मिली और उन्होंने 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों में निर्वाचन क्षेत्र के लिए नवाज शरीफ की उम्मीदवारी को अपनी मंजूरी दे दी।
नवाज शरीफ को लाहौर में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के दिग्गज नेता डॉक्टर यास्मीन राशिद सहित कुल 22 अन्य उम्मीदवारों से मुकाबला करना है।
मालूम हो कि नवाज शरीफ को साल 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। जुलाई 2018 में उन्हें लंदन में लक्जरी अपार्टमेंट की खरीद में शामिल होने के लिए 10 साल की जेल की सजा मिली। इसके बाद उसी वर्ष दिसंबर में, 1999 में परिवार के स्वामित्व वाली स्टील मिलों की स्थापना के बारे में जानकारी छुपाने के लिए उन्हें सात साल की अतिरिक्त सजा दी गई थी।