मालदीव ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आगमन पर टिप्पणी करने से इनकार किया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 13, 2022 06:56 PM2022-07-13T18:56:17+5:302022-07-13T19:14:29+5:30
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के संबंध में वहां के विदेश मंत्रालय ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
माले: दिवालिया हो चुके श्रीलंका से बुधवार को सुरक्षित पलायन कर जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के संबंध में वहां के विदेश मंत्रालय ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बताया जा रहा है कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बीती आधी रात के बाद पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों समेत श्रीलंकाई सैन्य विमान के जरिये कोलंबो से उड़ान भरकर सीधे मालदीव की राजधानी माले पहुंचे।
श्रीलंका के सबसे सशक्त राजनैतिक परिवार से आने वाले 73 साल के गोटबाया राजपक्षे ने जनता के हिंसक विद्रोह के डर से बुधवार को आधिकारिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उसके बाद देश छोड़कर निकल गये।
जब इस मामले में मालदीव के विदेश मंत्रालय के संचार निदेशक मिउवान मोहम्मद से श्रीलंकाई राष्ट्रपति के आगमन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मामले में जवाब देते हुए मोहम्मद ने कहा, "मालदीव का विदेश मंत्रालय इस समय (श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव आगमन पर) कोई टिप्पणी नहीं करेगा।"
वहीं मालदीव के संसद सचिवालय में संचार निदेशक हसन जियाउ ने कहा कि देश की संसद को भी इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने उन्होंने संसद के व्हाट्सएप ग्रुप को भेजे गए एक संदेश में कहा, "इस संबंध में मालदीव के संसद कार्यालय के पास कोई सूचना नहीं है।"
मालूम हो कि इससे पहले श्रीलंका की वायु सेना ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद कोलंबो के कटुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मालदीव के लिए सैन्य विमान से उड़ान भरी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़ने की पुष्टि की है। पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने बीते शनिवार को स्पीकर को बताया था कि वह 13 जुलाई को पद से इस्तीफा दे देंगे। जानकारी के अनुसार उन्होंने सोमवार को ही 13 जुलाई वाले त्यागपत्र पर दस्तखत कर दिये थे।
राजपक्षे के जाने के देश छोड़ने के बाद स्पीकर महिंदा यापा अबेवर्धने ने सोमवार को घोषणा की थि चूंकि गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इसलिए संसद आगामी 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी।
साल 1948 में आजादी के बाद से श्रीलंका अब के सबसे गंभीर और अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है। लगभग 22 मिलियन लोगों के देश श्रीलंका में इस समय लाखों लोग भोजन, दवा, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजें के लिए जीवन-मरण का संघर्ष कर रहे हैं।
देश की राजधानी कोलंबो सहित कई प्रमुख शहरों में सैकड़ों लोग ईंधन खरीदने के लिए घंटों लाइन में खड़े होने को मजबूर हैं और कभी-कभी तो लोग इतने उग्र हो जाते हैं कि उन्हें शांत करने के लिए पुलिस और सेना को बल प्रयोग करना पड़ता है। श्रीलंका पर इस समय कुल 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)