Terran 1: 3D प्रिंटेड तकनीक से बने रॉकेट ‘टेरान' के कई प्रक्षेपण हुए असफल, शुरु होते ही लॉन्च पैड पर ही रह गया खड़ा
By भाषा | Published: March 12, 2023 12:14 PM2023-03-12T12:14:12+5:302023-03-12T12:34:15+5:30
आपको बता दें कि रिलेटिविटी स्पेस ने शनिवार को पहली बार समस्या के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर को और दूसरी बार समस्या के लिए ईंधन के कम दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। इस रॉकेट का बुधवार को भी प्रक्षेपण करने की कोशिश की गई थी, लेकिन खराब वॉल्व के कारण एक मिनट के भीतर यह प्रयास नाकाम हो गया।
वॉशिंगटन डीसी: लगभग पूरी तरह 3डी प्रिंटेड तकनीक से बने रॉकेट ‘टेरान’ की पहली उड़ान शनिवार को नाकाम रही। यह रॉकेट एक के बाद एक प्रक्षेपण में नाकाम होने के बाद अपने लॉन्च पैड पर ही खड़ा है।
रॉकेट ‘टेरान’ को उड़ाने की कई कोशिश हुए नाकाम
शनिवार को इंजन चालू हुआ, लेकिन अचानक बंद हो गया जिससे रिलेटिविटी स्पेस का रॉकेट ‘टेरान’ अपने पैड पर ही खड़ा रहा। इसे केप केनवरल स्पेस फोर्स स्टेशन से दोबारा उड़ाने की कोशिश की गई, लेकिन फ्लाइट कम्प्यूटर ने 45 सेकेंड शेष रहते उलटी गिनती रोक दी थी।
इस कारण नहीं उड़ पाया रॉकेट ‘टेरान’
रिलेटिविटी स्पेस ने शनिवार को पहली बार समस्या के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर को और दूसरी बार समस्या के लिए ईंधन के कम दबाव को जिम्मेदार ठहराया है। इस रॉकेट का बुधवार को भी प्रक्षेपण करने की कोशिश की गई थी, लेकिन खराब वॉल्व के कारण एक मिनट के भीतर यह प्रयास नाकाम हो गया।
दोबारा प्रक्षेपण के बारे में नहीं दी गई है कोई जानकारी
अभी कंपनी ने यह नहीं बताया कि वह फिर कब प्रक्षेपण का प्रयास करेगी। बता दें कि यह रॉकेट 110 फुट लंबा है। रॉकेट ‘टेरान’ के बारे में बोलते हुए रिलेटिविटी स्पेस ने कहा कि इंजन समेत रॉकेट का 85 प्रतिशत हिस्सा कैलिफोर्निया के लॉन्ग बीच में कंपनी के मुख्यालय में रखे बड़े 3डी प्रिंटरों से बनाया गया है।