लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान को मीनार-ए-पाकिस्तान पर रैली करने से रोका
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 16, 2023 05:21 PM2023-03-16T17:21:26+5:302023-03-16T17:26:46+5:30
इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से उस समय तगड़ा झटका लगा, जब उनकी पार्टी को मौजूदा शरीफ सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक मिनार-ए-पाकिस्तान पर विरोध रैली को हाईकोर्ट ने रोक दिया है।
लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से उस समय तगड़ा झटका लगा, जब उनकी पार्टी को शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक मिनार-ए-पाकिस्तान पर विरोध रैली आयोजित करने पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने यह आदेश हालिया दिनों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ चीफ इमरान खान के समर्थकों और पुलिस सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प को देखते हुए दिया है।
इमरान खान की पार्टी मौजूदा शरीफ सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए गुरुवार को ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान पर प्रदर्शन करने वाली थी। जिसमें सरकार की ओर से आशंका व्यक्त की गई थी कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थक कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले सकते हैं और हालात खराब हो सकते हैं।
इस घटनाक्रम से पहले बीते मंगलवार को पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने पंजाब प्रांत के चुनावी जलसे में ऐलान किया था कि पार्टी शरीफ सरकारी की ज्यादतियों के खिलाफ गुरुवार को मीनार-ए-पाकिस्तान पर सार्वजनिक सभा करेंगे। मीनार-ए-पाकिस्तान को राष्ट्रीय प्रतीक और आजादी की अभिव्यक्ति के तौर पर देखा जाता है।
इमरान खान की रैली पर रोक लगाने वाली लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस तारिक सलीम शेख ने मामले की सुनवाई करते हुए इमरान खान के समर्थकों के आक्रामक रवैये से दुनिया भर में पाकिस्तान की छवि धूमिल हो रही है।
इस संबंध में पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की ओर बताया गया है कि जस्टिस सलीम शेख के आदेश में कहा गया है कि पीटीआई नेताओं को इस संबंध में सुरक्षा अधिकारियों को कम से कम 15 दिन पहले रैली के बारे में सूचित किया जाना चाहिए था ताकि सुरक्षा बल सभी आवश्यक इंतजाम कर सकें।
जस्टिस शेख ने पीटीआई नेताओं आदेश दिया कि वो पंजाब पुलिस महानिरीक्षक और अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ बैठक करें ताकि इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट में अरेस्ट पर आम सहमति बन सके और धारा 144 समेत सभी कानूनी उपायों को लागू किया जा सके।
मालूम हो कि इमरान खान इस समय लाहौर का जमा पार्क इलाके स्थित अपने आवास पर हैं, जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है ताकि 70 साल के इमरान खान को तोशखाना विवाद में हिरासत में लिया जा सके। बीते मंगलवार को पुलिस ने इमरान कान की गिरफ्तारी का प्रयास किया था लेकिन इमरान समर्थकों ने लाहौर को लड़ाई के मैदान में बदल दिया था। जिसके कारण पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा था। पुलिस और इमरान समर्थकों के बीच हुए झड़प में 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
मामले में लाहौर हाईकोर्ट को दखल देना पड़ा था और उसके बाद बीते बुधवार को कोर्ट के आदेश पर पुलिस और अन्य अधिकारी इमरान खान के आवास से दूर हो गये थे और दोनों पक्षों के बीच हो रहा संघर्ष रुक गया था।
इमारन खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए तोशखाना से कथिततौर पर विदेशों से मिले उपहारों को खरीदने के कारण निशाने पर रहे हैं। आरोप है कि इमरान खान ने तोशखाना से कई अन्य महंगे उपहारों के साथ-साथ कलाई घड़ी खरीदी और वो भी बेहद कम दाम में।
लाहौर में पुलिस और इमरान समर्थकों के बीच आक्रामक व्यवहार को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर बर्खास्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया होता को वह भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर इस्लामाबाद ले जाएगी लेकिन तीखे विरोध के कारण सुरक्षाबल ऐसे करने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।