कुलभूषण जाधव मामले में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, जानिए कब क्या-क्या हुआ?
By रामदीप मिश्रा | Published: July 17, 2019 07:04 PM2019-07-17T19:04:02+5:302019-07-17T19:04:02+5:30
कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे ने पाकिस्तान द्वारा दी गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। 16 जजों में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया।
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार (17 जुलाई) को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने अपना फैसला सुनाया। बीते 3 वर्षों से यह मामला भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक लड़ाई की सबसे बड़ी वजह बन गया था, जिसमें भारत ने बड़ी जीत हासिल की है। कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस हैं और उनकी गिरफ्तारी बलूचिस्तान से की गई थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को हमेशा खारिज किया, पाकिस्तान पर विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप भी है।
कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे ने पाकिस्तान द्वारा दी गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। 16 जजों में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। आईसीजे की कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने ट्वीट किया है कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलेगा। कोर्ट ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा है।
कुलभूषण जाधव मामला: जानिए कब-क्या हुआ?
3 मार्च 2016: कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया गया।
24 मार्च 2016: पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने यह दावा किया कि कुलभूषण भारतीय जासूस है और उन्हें दक्षिणी बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है।
25 मार्च 2016: जाधव के गिरफ्तारी की पहली रिपोर्ट सामने आई। पाकिस्तान ने कथित जासूस की गिरफ्तारी के मामले में भारतीय राजदूत को तलब किया। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
26 मार्च 2016: भारत ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान में कार्गो कारोबार का मालिकाना हक रखने वाले भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था।
29 मार्च 2017: भारत ने जाधव से मुलाकात के लिए पहला काउंसल एक्सेस की मांग की। अगले एक साल में भारत ने 16 ऐसे अनुरोध किए, जिन्हें पाकिस्तान ने अस्वीकार कर दिया।
15 अप्रैल 2017: पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर अरब और आसियान देशों के राजदूतों को कथित भारतीय जासूस के गिरफ्तारी की जानकारी दी गई। इसने पहले पाक ने पी 5 (यूएस, यूके, रूस, चीन और फ्रांस) के राजदूतों को इस मामले की जानकारी दी थी।
8 मई 2017: भारत ने पाकिस्तान द्वारा काउंसलर एक्सेस नहीं देने पर इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में उठाया। भारत ने विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप पाकिस्तान पर लगाया।
9 मई 2017: इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यथाशीघ्र इस मामले में कम्यूनिकेट करने का आदेश दिया।
15 मई 2017: इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत की याचिका पर सुनवाई की जिसमें काउंसलर एक्सेस की बात कही गई।
13 सितम्बर 2017: भारत ने अपनी पहली लिखित याचिका दायर की।
13 दिसंबर 2017: पाकिस्तान ने अपनी पहली लिखित याचिका दायर की।
17 जनवरी 2018: कोर्ट ने भारत की उस याचिका को स्वीकार किया जिसमें दूसरा जवाब दायर करने के लिए तीन माह का समय मांगा था।
17 अप्रैल 2018: भारत ने दूसरा जवाब दाखिल किया।
17 जुलाई 2018: पाकिस्तान ने भी दूसरा जवाब दायर किया।
18-21 फरवरी 2019: मामले की सुनवाई हुई।
17 जुलाई 2019: फैसले की तारीख।