किम जोंग उन ने रूस के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान सुखोई-57 की फैक्ट्री का दौरा किया, कॉकपिट में बैठकर समझी बारीकियां
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 15, 2023 05:26 PM2023-09-15T17:26:04+5:302023-09-15T17:27:48+5:30
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रूस के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एसयू-57 के कॉकपिट को नजदीक से देखा। किम ने सुखोई एसजे-100 यात्री विमानों का निर्माण करने वाले केंद्र का भी दौरा किया।
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रूस की अपनी विस्तारित यात्रा के दौरान लड़ाकू विमान बनाने वाली एक फैक्टरी का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने रूस के सबसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एसयू-57 के कॉकपिट को नजदीक से देखा। किम के इस दौरे ने दोनों देशों के बीच हथियार समझौते को लेकर अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
किम के इस दौरे से चिंतित अमेरिका और अन्य देशों ने रूस और उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि वे हथियार हस्तांतरण का कोई समझौता नहीं करें। किम ने अपनी बख्तरबंद ट्रेन से मंगलवार को रूस में पहुंचने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और हथियारों एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े कई स्थलों का दौरा किया। उत्तर कोरियाई नेता के बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक की यात्रा करने की भी उम्मीद है जहां वह रूस के प्रशांत बेड़े की सैन्य क्षमताओं को देखेंगे। पुतिन ने उत्तर कोरिया की यात्रा के लिए किम के निमंत्रण को भी स्वीकार कर लिया है और उनके प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी अक्टूबर में देश का दौरा करेंगे।
रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है। ऐसे में ये दोनों देश अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं। अन्य देशों की सरकारें और विशेषज्ञ अटकलें लगा रहे हैं कि किम अत्याधुनिक हथियारों या प्रौद्योगिकी के बदले रूस को गोला-बारूद की आपूर्ति करेंगे, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन में युद्ध के लिए कर सकता है।
किम ने सुखोई एसजे-100 यात्री विमानों का निर्माण करने वाले केंद्र का भी दौरा किया। इस दौरान रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा कि हम विमान निर्माण और अन्य उद्योगों में सहयोग की संभावना देख रहे हैं, जो प्रौद्योगिकी संबंधी संप्रभुता प्राप्त करने की दृष्टि से हमारे देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन को युद्ध के लिए हथियार मुहैया कराने के एवज में किम अपनी वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण में रूस से मदद मांगेंगे। अमेरिकी और यूरोपिय देश रूस और उत्तर कोरिया की बढ़ती नजदीकियों से चिंतित हैं।