जस्टिस आयशा मलिक बनीं पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज, पिछले हफ्ते हुई थी घोषणा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2022 11:40 AM2022-01-24T11:40:49+5:302022-01-24T11:40:49+5:30
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज जस्टिस आयशा मलिक बन गई हैं। उन्होंने सोमवार को पद की शपथ ली। उनके नाम का ऐलान पिछले हफ्ते किया गया था।
इस्लामाबाद: जस्टिस आयशा मलिक पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बन गई हैं। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के अंदर आयोजित एक समारोह में शपथ ली। पिछले ही हफ्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने की घोषणा हुई थी।
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस उमर बांदियाल सहित सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज मौजूद रहे। जस्टिस बांदियाल पाकिस्तान के अगले चीफ जस्टिस बनने वाले हैं।
लाहौर हाई कोर्ट में जज थीं आयशा मलिक
जस्टिस आयशा मलिक इससे पहले लाहौर हाई कोर्ट में थीं। बहरहाल, जानकार पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज की नियुक्ति को पाकिस्तान जैसे रूढ़िवादी देश के न्यायिक इतिहास में महत्वपूर्ण लम्हा बता रहे हैं।
पाकिस्तान के कानून मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जस्टिस मलिक की पदोन्नति को मंजूरी दे दी थी।
پاکستان کی عدلیہ میں نئی تاریخ رقم
— Maryam Nawaz (@maryamnawazkhan) January 24, 2022
جسٹس عائشہ ملک سپریم کورٹ کی پہلی خاتون جج بن گئیں
سپریم کورٹ کی پہلی خاتون جج عائشہ ملک نے اپنے عہدے کا حلف اٹھا لیا#justiceayeshamalikpic.twitter.com/jit4odEVh5
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्ति से संबंधित द्विदलीय संसदीय समिति द्वारा 55 वर्षीया जस्टिस की पदोन्नति को मंजूरी दिये जाने के दो दिन बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिल थी।
पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने इस महीने की शुरुआत में उनके नाम की अनुशंसा की थी। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद फारूक एच नाइक की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने उनके नामांकन को मंजूरी देते हुए वरिष्ठता के सिद्धांत को खारिज कर दिया था।
जस्टिस मलिक लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में चौथे स्थान पर थीं। उन्होंने कहा, ‘हमने राष्ट्रहित में जस्टिस आयशा के नाम को मंजूरी दी है।’ जस्टिस मलिक को मार्च 2012 में लाहौर हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह अब जून 2031 में अपनी सेवानिवृत्ति तक सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में काम करेंगी। वह अपनी वरिष्ठता के आधार पर जनवरी 2030 में चीफ जस्टिस बनने की कतार में होंगी।
(भाषा इनपुट)