यरुशलम पर डोनाल्ड ट्रंप को झटका, यूएन में भारत समेत 100 देशों ने विपक्ष में डाला वोट

By आदित्य द्विवेदी | Published: December 22, 2017 08:21 AM2017-12-22T08:21:00+5:302017-12-22T08:34:03+5:30

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी है। इस फैसले का हर तरफ विरोध हो रहा है

Jerusalem Issue: India vote against America in UN | यरुशलम पर डोनाल्ड ट्रंप को झटका, यूएन में भारत समेत 100 देशों ने विपक्ष में डाला वोट

यरुशलम पर डोनाल्ड ट्रंप को झटका, यूएन में भारत समेत 100 देशों ने विपक्ष में डाला वोट

Highlightsसंयुक्त राष्ट्र में भारत समेत 100 देशों ने गुरुवार अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ वोट दिया हैट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों को अनुदान में कटौती की धमकी दी थीडोनाल्ड ट्रंप ने दशकों पुरानी नीति को तोड़कर यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी

यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत समेत 100 देशों ने गुरुवार अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ वोट दिया है। हालांकि कुछ देशों ने ट्रंप के दबाव में आकर खुद को इससे अलग रखा। रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव रखा जिसे कुल 128 देशों का समर्थन मिला। 9 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया और 35 देशों ने खुद को इससे अलग रखा है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों को अनुदान में कटौती की धमकी दी थी।

अंतर्राष्ट्रीय नीति को तोड़कर यरुशलम को बनाया राजधानी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दशकों पुरानी अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय नीति को तोड़कर यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस फैसले को आड़े हाथों लिया और ट्रंप की आलोचना भी की। हालांकि इस कदम से इस्राइल बहुत खुश है लेकिन वैश्विक समुदाय इसे पश्चिम एशिया में हिंसा भड़काने वाला कदम मानते हैं।

यरुशलम मसले पर भारत की स्थिति

भारत ने इस मसले पर सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन उसका संकेत साफ है। भारत का कहना है कि फलस्तीन पर उसकी स्थिति पहले की तरफ साफ और स्वतंत्र है। गुट निरपेक्ष देशों की बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि इस्राराइल-यरुशलम शांति का मार्ग आपसी मान्यता और सुरक्षा प्रबंधों पर आधारित है। इसका समाधान इस्राराइल और फलस्तीन के बीच जल्द से जल्द बातचीत से ही निकल सकता है।

अमेरिका ने प्रस्ताव की आलोचना की

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की। हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर हमला हुआ। उन्होंने कहा कि अमेरिका यरुशलम में अपना दूतावास खोलेगा।

Web Title: Jerusalem Issue: India vote against America in UN

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