दुनिया के 199 देशों में जापान का पासपोर्ट सबसे ताकतवर, पाकिस्तान नीचे से चौथे स्थान पर, जानिए भारत की रैंक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 20, 2022 01:55 PM2022-07-20T13:55:50+5:302022-07-20T14:03:11+5:30
दुनिया के 199 देशों के पासपोर्ट की रैंक का निर्धारण करने वाले हेनले पास्टपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index) 2022 के अनुसार भारतीय पासपोर्ट धारक दुनिया के 60 देशों में बगैर पूर्व वीजा लिए जा सकते हैं। वहीं जापान के नागरिक बगैर पूर्व वीजा के 193 देशों की यात्रा कर सकते हैं।
दिल्ली: दुनियाभर के पासपोर्ट की ताजा रैंकिंग में भारत को 87वें स्थान पर रखा गया है। भारतीयपासपोर्ट धारक दुनिया के 60 देशों में बगैर पूर्व वीजा लिए जा सकते हैं। वहीं भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को नीचे से चौथा स्थान (109वां स्थान) मिला है। पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक दुनिया के 32 देशों में बगैर पूर्व वीजा के जा सकते हैं।
जिस देश के नागरिकों को किसी और देश में जाने के पहले वीजा अनुमति नहीं लेनी पड़ती उनके आधार पर उनके पासपोर्ट का प्रभाव मापा जाता है। जिन देशों में पूर्व वीजा की जरूरत नहीं होती उनमें से कुछ में वहाँ पहुँचने पर स्वतः वीजा मिलने का प्रावधान होता है।
दुनिया के 199 देशों के पासपोर्ट की रैंक का निर्धारण करने वाले हेनले पास्टपोर्ट इंडेक्स (Henley Passport Index) 2022 के अनुसार दुनिया में सबसे प्रभावशाली पासपोर्ट जापान का है जहाँ के नागरिक 193 देशों में बगैर पूर्व वीजा के जा सकते हैं।
दूसरे स्थान पर सिंगापुर और दक्षिण कोरिया हैं जहाँ के नागरिक 192 देशों में बगैर पूर्व वीजा के जा सकते हैं। तीसरे स्थान पर जर्मनी और स्पेन हैं जहाँ के नागरिक 190 देशों में बगैर पूर्व वीजा के जा सकते हैं। चौथे स्थान पर फिनलैण्ड, इटली और लग्जमबर्ग हैं जहाँ के नागरिक 189 देशों में बगैर पूर्व वीजा के जा सकते हैं।
इस सूची में ब्रिटेन और फ्रांस तीन अन्य देशों के साथ पाँचवे स्थान पर हैं। इन देशों के नागरिक बगैर पूर्व वीजा लिए 187 देशों की यात्रा कर सकते हैं। अमेरिका चार अन्य देशों के साथ छठवें स्थान पर है। यहाँ के नागरिक 186 देशों की पूर्व वीजा लिए बगैर यात्रा कर सकते हैं। चीन सूची में 68वें स्थान पर है। चीनी नागरिक 80 देशों की यात्रा पूर्व वीजा लिए बगैर कर सकते हैं।
भारत सरकार के आंकड़े
भारत छोड़कर दुनिया के अन्य देशों की नागरिका हासिल करने वालों में भी भारी उछाल आया है। लोकसभा में मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए देश के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन में मौजूद सदस्यों को बताया कि गुजरे करीब तीन सालों में लगभग चार लाख लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है।
गृह राज्यमंत्री ने यह जानकारी बहुजन समाज पार्टी के सांसद हाजी फजलुर रहमान के सवाल का उत्तर देते हुए दिया। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि साल 2020 और 2021 में यह पलायन ऐसे समय में हुआ है, जब भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोविड की चपेट में था।
बीते दो सालों में 48 भारतीयों ने ली पाकिस्तान की नागरिकता
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने विदेश मंत्रालय के हवाले से संसद में बताया कि बीते दो सालों यानी की साल 2020 और 2021 के दौरान कुल 48 ऐसे भारतीय नागरिक थे, जिन्होंने भारत की नागरिकता छोड़कर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की नागरिकता अपना ली। उन्होंने बताया कि साल 2020 में 7 नागरिकों ने और साल 2021 में 41 भारतीय नागरिकों ने पाकिस्तान का नागरिक होने पसंद किया। जबकि साल 2019 में किसी भी भारतीय नागरिक ने पाकिस्तान का रूख नहीं किया था।
2019 से 2021 तक कितने लोगों ने छोड़ी भारत की नागरिकता
संसद में केंद्रीय मंत्री राय ने कहा कि साल 2019 से 2021 के दौरान कुल 3,92,643 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी। इसमें साल 2019 में 1,44,017, साल 2020 में 85,256 और 2021 में 1,63,370 लोगों ने विदेशी नागरिकता हासिल कर ली।
आंकड़ों के मुताबिक देश छोड़ने भारतीय नागरिकों में सबसे ज्यादा संख्या अमेरिका जाने वाले लोगों की है। उन्होंने बताया कि साल 2019 से 2021 के बीच कुल 1,70,795 भारतीय अमेरिकी नागरिक हो गये । वहीं साल 2021 में अमेरिका ने 78,284 भारतीयों को नागरिकता प्रदान की।
अमेरिका के बाद दूसरा नंबर आता है आस्ट्रेलिया का, जहां करीब 58,391 भारतीयों को बीते तीन साल में नागरिकता मिली। वहीं तीसरे नंबर पर कनाडा रहा, जहां 64,071 भारतीयों ने आशियाना बना लिया। इसके साथ ही ब्रिटेन में 35,435, जर्मनी में 6,690, इटली में 12,131 और न्यूजीलैंड में 8,882 भारतीयों ने स्थाई नागरिकता ले ली।