Israel-Palestine War: इजराइल में हमास के हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं। यह जानकारी इजराइल की राष्ट्रीय बचाव सेवा ने दी। इज़राइल-फिलिस्तीन युद्ध को लेकर विश्व के कई देश चिंतित हैं। इस बीच फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमास के हमले के बाद इजरायल ने कार्रवाई की। जवाबी कार्रवाई में गाजा में कम से कम 198 लोग मारे गए, 1,610 घायल हुए हैं।
हमास के निर्वासित नेता इस्माइल हनिया ने कहा कि फलस्तीनी लड़ाके यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद और इज़राइल द्वारा रखे गए हजारों फलस्तीनी कैदियों की रक्षा के लिए "इन ऐतिहासिक क्षणों में एक वीरतापूर्ण अभियान में लगे हुए हैं।’ इजराइल ने घुसपैठ को रोकने के लिए गाजा सीमा पर एक विशाल बाड़ का निर्माण किया था।
यह जमीन के अंदर गहराई तक जाता है और कैमरे, हाई-टेक सेंसर से लैस है। यह लड़ाई गाजा के साथ इजराइल की सीमा पर हफ्तों तक तनाव और इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में भारी संघर्ष के बाद हुई है। शनिवार के व्यापक हमले से एक सुरक्षा विशेषज्ञ के रूप में नेतन्याहू की प्रतिष्ठा कमजोर हो सकती है।
इजराइल के अस्पतालों में सैकड़ों घायलों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें कई की हालत गंभीर है। इजराइल के दक्षिण में अभूतपूर्व युद्ध जैसे हालात को देखते हुए शनिवार को भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों को “सतर्क रहने” और “सुरक्षा नियमों का पालन” करने की सलाह दी है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने “युद्ध” की घोषणा करते हुए कहा है कि उनका देश दुश्मन से “अभूतपूर्व कीमत” वसूल करेगा। दूतावास ने अपने परामर्श में कहा, “इजराइल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें।
कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।” परामर्श अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषाओं में जारी किया गया है। दूतावास की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, इजराइल में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक हैं।
जिनमें मुख्य रूप से इजराइली बुजुर्गों, हीरा व्यापारियों, आईटी पेशेवरों और छात्रों की देखभाल करने के लिए नियुक्त लोग शामिल हैं। इजराइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी भी हैं जो पचास और साठ के दशक में भारत से इजराइल गए थे।