यरुशलमः इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके सहयोगी दलों को 120 सदस्यीय संसद में बहुमत से महज दो सीटें कम, 59 सीटें मिल सकती हैं।
चुनाव बाद सर्वेक्षण (एग्जिट पोल) में यह बात कही गई है। देश में एक साल से भी कम वक्त में सोमवार को तीसरी बार चुनाव हुआ जिसमें कुल 71 फीसदी लोगों ने मतदान किया। दरअसल, कई एग्जिट पोल में दावा किया गया कि नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मध्यमार्गी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी से कहीं आगे चल रही है।
नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, लेकिन चुनाव से मिले संकेत बता रहे हैं कि उनका जनाधार कायम है। तीन टेलीविजन नेटवर्कों की ओर से जारी एग्जिट पोल में दावा किया गया कि लिकुद और इसके सहयोगी दलों को 60 सीटें मिल सकती हैं। अंतिम परिणाम बुधवार को आ सकते हैं।
नेतन्याहू ने इस्राइल के चुनाव में जीत का दावा किया
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चुनाव में जीत का दावा किया था। दरअसल कई एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि उनकी दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मध्यमार्गी ब्लू ऐंड व्हाइट पार्टी से कहीं आगे चल रही है।
नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, लेकिन चुनाव से मिले संकेत बता रहे थे कि उनका समर्थक आधार कायम है। नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि परिणाम ‘‘इस्राइल के लिए एक बड़ी जीत हैं’’। तीन टेलीविजन नेटवर्कों की ओर से जारी एग्जिट पोल में दावा किया गया था कि लिकुद और उसके सहयोगियों को 60 सीटें मिलेंगी।
इस्राइल में 12 महीने में तीसरी बार मतदान
सांसत से निकलने और राजनीतिक करियर को बचाने की प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कोशिश के बीच राजनीतिक संकट से त्रस्त इस्राइल में लोग 12 महीने में तीसरी बार मतदान करेगी। नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, लेकिन चुनाव से मिल रहे संकेतों की मानें तो उनका समर्थक आधार कायम है। उनकी लिकुद पार्टी तथा मध्यमार्गी ब्लू ऐंड व्हाइट पार्टी के बीच टक्कर कड़ी रहेगी।
चुनाव में किसी को भी बहुमत मिलने की संभावना कम ही है, ऐसे में सरकार कई पार्टियों के गठबंधन से ही बन पाएगी। इससे पहले पिछले वर्ष अप्रैल और सितंबर में चुनाव हुए थे लेकिन किसी को भी बहुमत नहीं मिला था और इस बार भी गतिरोध कायम रह सकता है।