ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा-अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन से नहीं मिलना चाहते...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 21, 2021 04:46 PM2021-06-21T16:46:52+5:302021-06-21T17:08:19+5:30

इब्राहिम रायसी ने सोमवार को खुद को ‘मानवाधिकारों का रक्षक’ बताया। उन्होंने यह बात 1988 में तकरीबन पांच हजार लोगों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के बाबत पूछे जाने जाने पर कही।

Iran's newly elected President ebrahim Raisi America's President does not want to meet Biden | ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा-अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन से नहीं मिलना चाहते...

राष्ट्रपति ने कहा कि वह तेहरान की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्षेत्रीय मिलिशिया समर्थन पर बातचीत को तैयार नहीं है। (फाइल फोटो)

Highlightsचुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में रायसी ने सोमवार को यह बयान दिया। रायसी उस कथित “मौत के पैनल” के सदस्य थे।1980 में हुए ईरान-इराक युद्ध का अंत होने के बाद राजनीतिक बंदियों को मौत की सजा सुनाई थी।

दुबईः ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने प्रेस वार्ता में कहा कि वह राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलना नहीं चाहते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह तेहरान की बैलिस्टिक मिसाइलों, क्षेत्रीय मिलिशिया समर्थन पर बातचीत को तैयार नहीं है। इब्राहिम रायसी ने सोमवार को खुद को ‘मानवाधिकारों का रक्षक’ बताया। उन्होंने यह बात 1988 में तकरीबन पांच हजार लोगों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के बाबत पूछे जाने जाने पर कही।

चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में रायसी ने सोमवार को यह बयान दिया। रायसी उस कथित “मौत के पैनल” के सदस्य थे, जिसने 1980 में हुए ईरान-इराक युद्ध का अंत होने के बाद राजनीतिक बंदियों को मौत की सजा सुनाई थी।

तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर समझौता नहीं

ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि वह तेहरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर समझौता नहीं करना चाहते हैं, न ही क्षेत्रीय मिलिशिया के मुद्दे पर वार्ता करना चाहते हैं। साथ ही रायसी ने कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से भी नहीं मिलना चाहते हैं। यह पूछने पर कि क्या बाइडन से उनकी मुलाकात की संभावना है तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं।’’

इस बीच, रायसी से जब पूछा गया कि क्या 1988 में करीब पांच हजार लोगों के नरसंहार में वह संलिप्त थे तो उन्होंने खुद को ‘‘मानवाधिकारों का रक्षक’’ बताया। रायसी उस तथाकथित ‘‘मौत के पैनल’’ का हिस्सा थे जिसने 1980 के दशक के अंत में ईरान-इराक युद्ध की समाप्ति के बाद राजनीतिक कैदियों को सजा दी थी।

रायसी ने शुक्रवार को चुनाव में भारी बहुमत से जीत के बाद सोमवार को पहले संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं। साल 2015 के परमाणु समझौते में ईरान को वापस लाने की उम्मीद लगाए अमेरिका दूसरे मुद्दों पर भी समझौता करना चाह रहा था।

Web Title: Iran's newly elected President ebrahim Raisi America's President does not want to meet Biden

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