Iran Israel Crisis: इजरायल के सैन्य खुफिया प्रमुख ने दिया इस्तीफा, ईरान का हमला या हमास से युद्ध, जानें क्या है वजह
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 22, 2024 02:22 PM2024-04-22T14:22:51+5:302024-04-22T14:24:26+5:30
इज़रायली सैन्य खुफिया प्रमुख का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब ईरान से देश का तनाव चरम पर है। सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हमले के बाद मारे गए अपने जनरलों का बदला लेने के लिए ईरान ने 13 अप्रैल को सैकड़ों की संख्या में ड्रोन, बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी थीं।
Iran Israel Crisis: इजरायल के खुफिया कोर के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली सेना ने सोमवार को कहा कि उसके खुफिया कोर के प्रमुख ने हमास के 7 अक्टूबर के हमले पर इस्तीफा दे दिया है। इज़रायल के सैन्य खुफिया प्रमुख अहरोन हलिवा, हमास के हमले के बाद विफलता के लिए पद छोड़ने वाले पहले वरिष्ठ इज़रायली व्यक्ति बन गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हलीवा ने अक्टूबर में कहा था कि उस हमले को नहीं रोक पाने का दोष उन पर है जो इज़रायल की प्रतिष्ठित सुरक्षा में सेंध लगा गया था।
इज़रायली सैन्य खुफिया प्रमुख का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब ईरान से देश का तनाव चरम पर है। सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हमले के बाद मारे गए अपने जनरलों का बदला लेने के लिए ईरान ने 13 अप्रैल को सैकड़ों की संख्या में ड्रोन, बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी थीं। हालांकि इस हमले में इजरायल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और कुछ ही मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंच पाईं। शेष को इजरायल के आयरन डोम और जॉर्डन, सऊदी अरब और अमेरिका की हवाई सुरक्षा प्रणाली ने मार गिराया था।
इजरायल पर ईरान के इस हमले को 1991 के बाद दूसरा सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। उस समय इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने खाड़ी युद्ध के दौरान इजरायल पर स्कड मिसाइल दागी थीं। इजरायल ने अमेरिका, ब्रिटेन और पड़ोसी जॉर्डन द्वारा समर्थित हवाई सुरक्षा तंत्र और लड़ाकू विमानों की मदद से अधिकतर मिसाइल को मार गिराया था।
इजरायल पर ईरान के अभूतपूर्व हमले से पश्चिम एशिया में युद्ध की स्थिति बनने की आशंका बढ़ने के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका में वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ने इस कार्रवाई में ईरान में 16 लोगों और दो संस्थानों को लक्षित किया है, जो 13 अप्रैल को इजराइल पर हुए हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन को चलाने वाले इंजन के उत्पादन से जुड़े हैं।