Iran–Israel conflict: वादा निभाएगा अमेरिका, ईरान ने हमला किया तो यूएस आर्मी जवाब देगी, इजरायल की रक्षा के लिए तैनात किया सबसे बड़ा युद्धपोत
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 3, 2024 02:10 PM2024-08-03T14:10:30+5:302024-08-03T14:11:55+5:30
Iran–Israel conflict: अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने घोषणा की है कि यूएसएस अब्राहम लिंकन विमान वाहक स्ट्राइक ग्रुप इस क्षेत्र में यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेगा।
Iran–Israel conflict: पश्चिम एशिया का माहौल गर्म है। ईरान में हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के बाद पूरा इलाका एक ऐसे बारूद के ढेर में तब्दील हो गया है जिसमें एक छोटी सी चिंगारी भी पूरे मध्य-पूर्व में आग लगा सकती है। ईरान ने इजरायल को बड़ी कीमत चुकाने की धमकी दी है। तेहरान में हमास नेता और बेरूत में हिजबुल्लाह कमांडर की हत्या के बाद ईरान की इजरायल को धमकी के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने मध्य पूर्व में एक विशाल नौसेनिक बेड़ा भेजा है।
यह कदम ईरान की राजधानी में हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या के लिए इज़राइल पर सीधा हमला घोषित करने के बाद आया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने एक बयान में कहा है कि रक्षा विभाग ईरान या ईरान के साझेदारों और प्रॉक्सी द्वारा क्षेत्रीय तनाव की संभावना को कम करने के लिए कदम उठा रहा है। रक्षा सचिव ने दोहराया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका इज़राइल की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने घोषणा की है कि यूएसएस अब्राहम लिंकन विमान वाहक स्ट्राइक ग्रुप इस क्षेत्र में यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेगा। इसके अतिरिक्त ऑस्टिन ने मध्य पूर्व और अमेरिकी यूरोपीय कमान के तहत क्षेत्रों के लिए अधिक बैलिस्टिक मिसाइल हमले से बचने में सक्षम क्रूजर और विध्वंसक तैनात करने का आदेश दिया है। साथ ही मध्य पूर्व के लिए एक नए लड़ाकू स्क्वाड्रन का भी आदेश दिया है।
समाचार एजेंसी एएफपी ने हिजबुल्लाह के एक करीबी सूत्र के हवाले से बताया है कि ईरानी अधिकारियों ने अपने अगले कदमों की रणनीति बनाने के लिए तेहरान में सहयोगियों के साथ एक बैठक की। इसमें चर्चा की गई कि ईरान और उसके सहयोगियों की ओर से एक साथ प्रतिक्रिया दी जाए या प्रत्येक पक्ष की ओर से अलग-अलग।
बीते अप्रैल में रान ने इजरायल की धरती पर अपना पहला सीधा हमला किया था। हालांकि यह मिसाइल हमला विफल कर दिया गया था। हमले के खिलाफ इज़राइल की रक्षा में सहायता के लिए अमेरिकी सेना ने हस्तक्षेप किया था। अब एक बार फिर अमेरिका इस जंग में सीधे उतरता दिख रहा है। अगर ईरान की तरफ से इजरायल पर हमला किया जाता है तो अमेरिकी सेना इसका सीधा जवाब दे सकती है।