अभिनंदन की वापसी के लिए भारत ने डाला था चौतरफा दबाव, जानें पर्दे के पीछे क्या-क्या हुआ?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 1, 2019 08:50 AM2019-03-01T08:50:47+5:302019-03-01T09:57:31+5:30
पाकिस्तान पर इस बात के लिए चौतरफा दबाव था कि वह युद्ध के हालात पैदा ना करे और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहले अपनी साख बचाए. दूसरी ओर भारत दुनिया को यह समझाना चाहता है कि पाकिस्तान बिना किसी कारण नियंत्रण रेखा के पार गोलाबारी कर रहा है.
शीलेश शर्मा: विंग कमांडर अभिनंदन की स्वदेश वापसी के पीछे सऊदी अरब, अमेरिका, और चीन की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने चीन के विदेश मंत्री से बीती रात बात की. इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को समझाने की कोशिश की कि वह अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ता जा रहा है अत: उसे पहल करते हुए भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा कर देना चाहिए.
सूत्रों का यह भी दावा था कि पाकिस्तान पर इस बात के लिए चौतरफा दबाव था कि वह युद्ध के हालात पैदा ना करे और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहले अपनी साख बचाए. दूसरी ओर भारत दुनिया को यह समझाना चाहता है कि पाकिस्तान बिना किसी कारण नियंत्रण रेखा के पार गोलाबारी कर रहा है. साथ ही सैन्य ठिकानों पर अकारण हमले कर रहा है.
वहीं पाकिस्तान दुनिया को यह दिखाने की कोशिश में जुटा है कि वह भारत के साथ विवाद हो हल करने के लिए बातचीत के लिए तैयार है. अभिनंदन को रिहा किए जाने का फैसला इसी कोशिश का नतीजा है. लेकिन अमेरिका, चीन और सउदी अरब की भूमिका को लेकर दोनों ही देश खामोश हैं.
घटनाक्रम को लेकर सक्रिय अमेरिका अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर किए जाने वाले हमले की पूर्व सूचना दे दी थी और उसके बाद जिस तरह अभिनंदन को पाकिस्तान से रिहा करने का फैसला आया उसको भी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बयान जारी कर पूर्व में ही घोषित कर दिया. ट्रम्प की इन पूर्व घोषणाओं से यह साफ है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे गतिरोध के बावत ना केवल हर जानकारी थी बल्कि इस पूरे घटनाक्रम में उसकी भूमिका भी महत्वपूर्ण बनी हुई थी.