भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की

By भाषा | Published: November 6, 2020 03:40 PM2020-11-06T15:40:18+5:302020-11-06T15:40:18+5:30

Indian Army Chief General Narwane calls on Nepal's Prime Minister Oli | भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की

भारतीय सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने नेपाल के प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, छह नवम्बर भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। यह जानकारी अधिकारियों ने यहां दी।

नेपाल सेना के सूत्रों ने बताया कि नरवणे और ओली के बीच बैठक बालूवाटार स्थित उनके आधिकारिक निवास पर हुई। ओली नेपाल के रक्षा मंत्री भी हैं।

सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं। उन्होंने इससे पहले दिन में पहाड़ों के ऊपर एक उड़ान का आनंद लिया और वह इस दौरान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के प्रवेश द्वार सियांगबोचे हवाई अड्डे पर संक्षिप्त समय के लिए रुके।

सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने काठमांडू के बाहरी इलाके शिवपुरी में सैन्य कमान एवं स्टाफ कॉलेज में मध्यम स्तर के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित भी किया। उन्होंने इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा किया।

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष समारोह में नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान की थी। यह दशकों पुरानी परंपरा है जो दोनों सेनाओं के बीच के मजबूत संबंधों को परिलक्षित करती है।

जनरल नरवणे की इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों में नए सिरे से सामंजस्य स्थापित करना भी है। नेपाल ने इस वर्ष की शुरुआत में एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था और उत्तराखंड के कई क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था जिसके बाद दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। तब से दोनों देशों के बीच भारत की ओर से यह काठमांडू की पहली उच्चस्तरीय यात्रा होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड के धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किए जाने के बाद नेपाल ने विरोध जताया था।

नेपाल ने दावा किया था कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। कुछ दिनों बाद, उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के तौर पर दिखाते हुए नया नक्शा जारी किया था। भारत ने भी नवंबर 2019 में एक नया नक्शा प्रकाशित किया था जिसमें इन क्षेत्रों को भारत के क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था।

नेपाल द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, इसे ‘‘एकतरफा कृत्य’’ बताया था और काठमांडू को आगाह करते हुए कहा था कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा ‘‘कृत्रिम विस्तार’’ उसे स्वीकार्य नहीं होगा।

भारत ने कहा था कि नेपाल का यह कदम दोनों देशों के बीच बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बनी सहमति का उल्लंघन करता है।

सेना प्रमुख को नेपाल के साथ संबंधों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए काठमांडू भेजने के भारत के फैसले को चीन द्वारा क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के मद्देनजर म्यांमार, मालदीव, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के भारत के व्यापक प्रयासों के हिस्से के तौर पर देखा हा रहा है।

जनरल नरवणे का शुक्रवार दोपहर को स्वदेश रवाना होने का कार्यक्रम है।

Web Title: Indian Army Chief General Narwane calls on Nepal's Prime Minister Oli

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