भारत ने कहा-टेरर फंडिंग रोके पड़ोसी मुल्क, पाकिस्तान पर कसा शिकंजा, FATF ने ‘ग्रे सूची’ में रखने का फैसला लिया
By भाषा | Published: June 22, 2019 01:39 PM2019-06-22T13:39:05+5:302019-06-22T13:39:05+5:30
सूत्रों ने यहां बताया कि आर्थिक कार्रवाई दल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 27 सूत्री कार्ययोजना लागू करने के लिए सितंबर तक का वक्त दिया है। अमेरिका के फ्लोरिडा में एक सप्ताह तक चली अपनी बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाए।
आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली 38 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूहों का वित्त पोषण रोक पाने में असफल रहने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का फैसला किया है।
सूत्रों ने यहां बताया कि आर्थिक कार्रवाई दल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को 27 सूत्री कार्ययोजना लागू करने के लिए सितंबर तक का वक्त दिया है। अमेरिका के फ्लोरिडा में एक सप्ताह तक चली अपनी बैठक में एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाए।
एफएटीएफ प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘एफएटीएफ ने तय किया है कि जनवरी और मई 2019 के लिए तय कार्ययोजना को लागू करने में पाकिस्तान की असफलता के मद्देनजर उसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की ‘ग्रे सूची’ में रहने दिया जाए।’’
इससे पाकिस्तान की वित्तीय परेशानियां और बढ़ेंगी। एफएटीएफ ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान से आशा करते हैं कि वह बचे हुए समय में, सितंबर 2019 तक एफएटीएफ कार्ययोजना को पूर्ण और प्रभावी तरीके से लागू करेगा। उसने एफएटीएफ से राजनीतिक प्रतिबद्धता जताई थी कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद व आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाएगा।’’
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एफएटीएफ की बैठक के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई देशों ने उसकी सीमा में हो रही आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित नहीं कर पाने और आतंकी सरगनों हाफिज साईद तथा मसूद अजहर के खिलाफ आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज नहीं करने के लिए पाकिस्तान को लेकर चिंता जताई गई।
पाकिस्तान लगातार कह रहा है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की 700 से ज्यादा संपत्तियां जब्त की हैं। उसने 2012 में भी ‘ग्रे सूची’ में डाले जाने के बाद ऐसा कहा था। एफएटीएफ सदस्य इस बात से चिंतित हैं कि सईद और मसूद सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित अन्य सरगनों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।
एफएटीएफ पूर्णाधिवेशन और अन्य संबंधित चर्चों में पाकिस्तान को लेकर भारत का रवैया हमेशा एक समान रहा है। भारत ने फरवरी 2018 में भी अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के कदम का समर्थन किया था।
आतंकी वित्त पोषण को लेकर ईरान पर प्रतिबंध बढ़े
बहुराष्ट्रीय कार्यबल ने शुक्रवार को कहा कि आतंकी वित्त पोषण बंद करने में असफल रहने को लेकर वह ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ा कर रहा है। इस संबंध में 38 देशों के आर्थिक कार्रवाई दल (एफएटीएफ) का कहना है कि अगर ईरान अक्टूबर तक इस वित्त पोषण को नियंत्रित करने में असफल रहता है तो उसके खिलाफ और सख्त आर्थिक कदम उठाए जाएंगे।
एक बयान के मुताबिक, एफएटीएफ ईरान से आशा करता है कि वह सुधार की दिशा में सरलता से आगे बढ़ेगा और सुनिश्चित करेगा कि सभी कमियां दूर की जाएं। अमेरिका के राजस्व मंत्री स्टीवन नुचिन ने शुक्रवार को अपने भाषण में ‘‘ईरान द्वारा जानबूझ कर आतंकवादियों का वित्त पोषण और प्रणालीगत धन शोधन रोकने में असफल रहने की निंदा की।’’
पिछले एक साल में अमेरिका ने ईरान के खिलाफ कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। खास तौर से 2015 के परमाणु समझौते से हटने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद से अमेरिका ईरान के खिलाफ कठोर कदम उठा रहा है। वहीं ईरान द्वारा एक अमेरिकी ड्रोन मार गिराए जाने के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि पिछली रात और सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालांकि अभी तक प्रतिबंधों की घोषणा नहीं हुई है ।