भारत ने रक्षा संपदा की खरीद में मदद के लिए मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर कर्ज की पेशकश की

By भाषा | Published: February 22, 2021 08:56 PM2021-02-22T20:56:28+5:302021-02-22T20:56:28+5:30

India offers $ 100 million loan to Mauritius to help purchase defense assets | भारत ने रक्षा संपदा की खरीद में मदद के लिए मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर कर्ज की पेशकश की

भारत ने रक्षा संपदा की खरीद में मदद के लिए मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर कर्ज की पेशकश की

पोर्ट लुइस, 22 फरवरी भारत ने रक्षा संपदा की खरीद में मदद के लिए सोमवार को मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर का कर्ज मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के बीच वार्ता के बाद दोनों देशों ने समग्र आर्थिक सहयोग भागीदारी समझौते पर दस्तखत किए।

जयशंकर दो देशों के दौरे के अंतिम चरण में रविवार रात मालदीव से मॉरीशस पहुंचे। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के दौरान उन्होंने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री जगन्नाथ के साथ संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारी चर्चा बहुत सार्थक रही और हमने विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति समेत दोनों देशों के संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की।’’

‘सागर’ नीति के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘10 करोड़ डॉलर का रक्षा कर्ज देने के समझौते पर भी दस्तखत हुए। इससे सरकार अपनी जरूरतों के हिसाब से भारत से रक्षा साजो-सामान की खरीदारी कर पाएगी। यह कदम फिर से रेखांकित करता है कि मॉरीशस की सुरक्षा भारत की सुरक्षा से जुड़ी है। मॉरीशस की समृद्धि हमारी समृद्धि है।’’

हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस भारत का महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के ‘सागर’ (क्षेत्र में सब की सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में देश का विशेष स्थान है।

दोनों देशों ने मॉरीशस की समुद्री निगरानी क्षमता में बढ़ोतरी के लिए दो साल के लिए पट्टे पर ध्रुव हेलिकॉप्टर और डोर्नियर विमान मुहैया कराने के लिए भी एक समझौता किया।

जयशंकर ने ‘‘दोनों देशों के संबंधों में इसे खास दिन’’ बताते हुए कहा कि भारत के लिए गर्व की बात है कि उसने मॉरीशस के साथ समग्र आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (सीईसीपीए) किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी अफ्रीकी देश के साथ भारत का इस तरह का यह पहला समझौता है। इससे कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और भारतीय निवेशकों को भी मॉरीशस में अपने कारोबार के विस्तार का मौका मिलेगा।’’

उन्होंने कोविड-19 से बचाव के लिए ‘भारत में निर्मित’ टीके की एक लाख अतिरिक्त खुराकों की खेप भी प्रधानमंत्री जगन्नाथ को सौंपी।

जयशंकर ने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण भागीदार होने के नाते भारत में टीकाकरण की शुरुआत के तुरंत बाद ‘भारत में निर्मित’ टीके की खेप मॉरीशस पहुंचा दी गयी। एक लाख अतिरिक्त खुराकों की खेप भी आज पहुंचा दी गयी है।’’

उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद यह महत्वपूर्ण है कि विशेष आर्थिक पैकेज के तहत 2017 में भारत द्वारा घोषित सभी पांच विकास परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इनमें मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के पहले चरण का विस्तार, उच्चतम न्यायालय की इमारत, ईएनटी का नया अस्पताल, मॉरीशस के स्कूली छात्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट की आपूर्ति और 956 सामाजिक आवासीय इकाइयां हैं।

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