पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के विरोध में है भारत: राजदूत
By भाषा | Published: May 24, 2019 02:37 PM2019-05-24T14:37:12+5:302019-05-24T14:37:12+5:30
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्गन आर्टग्स ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका चाहता है कि सभी देश ईरान से तेल आपूर्ति बंद कर दें।
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पश्चिम एशिया पर अत्यधिक निर्भर है और वह इस इलाके में किसी तरह का तनाव बढ़ने के खिलाफ है। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने यहां बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में हम किसी तरह का तनाव बढ़ते देखना नहीं चाहते।’’ उनसे अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर पश्न किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह यह है कि विश्व के उस हिस्से की स्थिरता पर हम अत्यधिक निर्भर हैं। उनकी आपूर्ति हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं का मुख्य हिस्सा रही है।
खाड़ी में बड़ी संख्या में भारतीय लोग काम भी करते हैं। इसलिए स्पष्ट रूप से इस इलाके में शांति और स्थिरता बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं।’’ तनाव कम करने की श्रृंगला की इच्छा ऐसे वक्त सामने आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संभावना को खारिज नहीं किया है कि ईरान का सामना करने के लिए सैनिक पश्चिम एशिया भेजे जायेंगे।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से सैनिक भेजने को लेकर कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वह ऐसा करेंगे। हालांकि वह ऐसा नहीं सोचते कि ऐसा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान बहुत खतरनाक है। वह आतंक का देश है। वह इस समय गहरी वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है। भारतीय राजदूत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका के इस महीने प्रतिबंधों से छूट न देने के बाद भारत ने ईरान से तेल आयात बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अप्रैल के अंत में, भारत ने ईरानी तेल पर अपनी निर्भरता को कम करते हुए इसे एक महीने में 2.5 अरब टन से घटाकर दस लाख टन कर दिया। राजदूत ने कहा कि भारत ने ईरान और वेनेजुएला, दोनों से तेल आपूर्ति बंद कर दी है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि चाबहार बंदरगाह अफगानिस्तान की जीवनरेखा है और यह अमेरिका तथा भारत व अन्य देशों के हित में है कि यह ऐसा बना रहे।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्गन आर्टग्स ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका चाहता है कि सभी देश ईरान से तेल आपूर्ति बंद कर दें।