भारत ने ICJ से जाधव की मृत्युदंड को रद्द करने की मांग की, कहा- जबरन कबूलनामे पर सुनाई गई सजा

By भाषा | Published: February 21, 2019 08:49 AM2019-02-21T08:49:53+5:302019-02-21T08:49:53+5:30

भारत ने आईसीजे से कहा जबरन स्वीकारोक्ति पर आधारित है जाधव का मृत्युदंड, इसे रद्द किया जाए। पाकिस्तान आज पेश करेगा अपनी दलीलें...

India demanded the cancellation of Jadhav's death sentence, these arguments given against Pakistan in ICJ | भारत ने ICJ से जाधव की मृत्युदंड को रद्द करने की मांग की, कहा- जबरन कबूलनामे पर सुनाई गई सजा

भारत ने ICJ से जाधव की मृत्युदंड को रद्द करने की मांग की, कहा- जबरन कबूलनामे पर सुनाई गई सजा

Highlights2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।पाकिस्तान इस संबंध में अपनी अंतिम दलीलें गुरुवार को देगा। आईसीजे इस मामले पर अपना फैसला 2019 के ग्रीष्मकाल में दे सकता है।

हेग, 20 फरवरीः भारत ने बुधवार को पाकिस्तान की सैन्य अदालतों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से अनुरोध किया कि वह कुलभूषण जाधव का मृत्युदंड रद्द करे क्योंकि वह ‘जबरन स्वीकारोक्ति’ पर आधारित है। जाधव (48) भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।

सुनवाई के तीसरे दिन भारत की ओर से अंतिम दलील देते हुए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल ने कहा, ‘‘सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करें और पाकिस्तान को मृत्युदंड का अनुपालन करने से रोकें। जाधव को रिहा करें और उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं है तो पूर्ण राजनयिक पहुंच के साथ सामान्य कानून के तहत सुनवाई का आदेश दें।’’ 

उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह घोषित करे कि पाकिस्तान ने विएना सम्मेलन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है और जाधव को उसके अधिकारों की जानकारी देने में विफल रहा है। इस बात पर जोर देते हुए कि पाकिस्तान ने बार-बार जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से इंकार किया है, उन्होंने कहा कि भारत सरकार अदालत से अनुरोध करती है कि वह विचार करे और घोषणा करे कि पाकिस्तान ने विएना सम्मेलन के अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया है।

इस मामले में भारत की ओर से पेश हो रहे हरीश साल्वे ने यह भी कहा कि वक्त आ गया है जब आईसीजे मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अनुच्छेद 36 का महत्वपूर्ण हथियार के रूप में इस्तेमाल करे। पाकिस्तान इस संबंध में अपनी अंतिम दलीलें गुरुवार को देगा। आईसीजे इस मामले पर अपना फैसला 2019 के ग्रीष्मकाल में दे सकता है।

Web Title: India demanded the cancellation of Jadhav's death sentence, these arguments given against Pakistan in ICJ

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