India-Canada Row: कनाडा ने 41 राजनयिकों को बुलाया वापस, निज्जर हत्या विवाद के बाद भारत ने दिया था आदेश
By अंजली चौहान | Published: October 20, 2023 08:04 AM2023-10-20T08:04:36+5:302023-10-20T08:16:45+5:30
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारतीय एजेंटों के बीच संभावित संबंध का आरोप लगाने के बाद नई दिल्ली ने पिछले महीने ओटावा से अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने को कहा था।
India-Canada Row: खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से कनाडा और भारत के रिश्तों में दरार आ गई है। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने कड़ा विरोध दर्ज किया। इस बीच, अब कनाडा ने नई दिल्ली से अपने 41 राजनयिकों को वापस देश बुला लिया है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या पर विवाद के बीच कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस ले लिया है उन्होंने कहा कि ओटावा जवाबी कदम नहीं उठाएगा।
जोली ने कहा कि भारत ने राजनयिकों के चले जाने पर शुक्रवार तक उनकी आधिकारिक स्थिति को एकतरफा रद्द करने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि यह कदम अनुचित और अभूतपूर्व था और राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करता है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारे राजनयिकों की सुरक्षा पर भारत की कार्रवाई के प्रभाव को देखते हुए, हमने भारत से उनके सुरक्षित प्रस्थान की सुविधा प्रदान की है इसलिए इस कारण से, हम प्रतिक्रिया नहीं देंगे।'' 41 राजनयिकों के साथ 42 आश्रित भी थे।
जानकारी के अनुसार, भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम करने की मूल समय सीमा 10 अक्टूबर थी। लेकिन कनाडा ने भारत के साथ निजी बातचीत में शामिल होते हुए उस समय सीमा को समाप्त होने दिया। हालाँकि, वह वार्ता विफल होती दिख रही है। जोली ने कहा, “कनाडा अंतरराष्ट्रीय कानून का बचाव करना जारी रखेगा, जो सभी राज्यों पर समान रूप से लागू होता है। कनाडा भारत के साथ जुड़ना जारी रखेगा और जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे बातचीत के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।''
बता दें कि भारत ने पिछले महीने कनाडा से अनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था, जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों और जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध का विश्वसनीय सबूत बताया था, जिनकी जून में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने ट्रूडो के इस संदेह को बेतुका बताकर खारिज कर दिया है कि उसके एजेंट निज्जर की हत्या से जुड़े थे।