मालाबार युद्धाभ्यास में चार देशों की सेना ने चीन को समुद्र में दिखाया दम, एक साथ गरजे भारत व अमेरिका के लड़ाकू विमान
By अनुराग आनंद | Published: November 20, 2020 02:59 PM2020-11-20T14:59:14+5:302020-11-20T15:05:56+5:30
इस अभ्यास में दो विमानवाहक पोत और कुछ अग्रिम पोत, पनडुब्बियों और समुद्री टोही विमानों को भी शामिल किया गया है।
नयी दिल्ली: हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहे मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास के दूसरे चरण का अज अंतिम दिन है। चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाओं ने मंगलवार को एक बार फिर से उत्तरी अरब सागर में मालाबार नौसैन्य अभ्यास का दूसरा चरण शुरू हो गया है।
इस अभ्यास में दो विमानवाहक पोत और कुछ अग्रिम पोत, पनडुब्बियों और समुद्री टोही विमानों को भी शामिल किया गया है। इस दौरान इंडिया की तरफ से नौसेना के मिग-29केएस और अमेरिकी नेवी के एफ-18एस लड़ाकू विमान ने एक साथ युद्धाभ्यास किया और लक्ष्य को निशाना बनाया। इस दौरान मिग -29केएस ने आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरी।
#WATCH MiG-29Ks of Indian Navy & F-18s of US Navy carried out simulated attacks on the surface force during multilateral naval exercise 'Malabar 2020' in the Arabian Sea & Indian Ocean.
— ANI (@ANI) November 20, 2020
The MiG-29s operated from the INS Vikramaditya aircraft carrier. pic.twitter.com/pTpim2CTe6
अधिकारियों ने इस बारे में बताया। चार दिवसीय अभ्यास में भारतीय नौसेना का विक्रमादित्य पोत युद्धक समूह और अमेरिकी नौसेना का निमित्ज स्ट्राइक ग्रुप भी भागीदारी कर रहा है। यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत है। मालाबार अभ्यास का पहला चरण तीन से छह नवंबर को बंगाल की खाड़ी में आयोजित हुआ था और इस दौरान पनडुब्बी रोधी और हवाई युद्धक क्षमता समेत कई जटिल अभ्यास किए गए।
ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने अपना पोत एचएमएएस बैलरेट तैनात किया है जबकि जापान की नौसेना ने विध्वंसक पोत जेएस मुरासमे को भेजा है। यह बड़ा अभ्यास ऐसे वक्त हो रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में पिछले छह महीने से भी अधिक समय से भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध चल रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि ‘क्वाड’ या चार देशों के गठबंधन के तहत चारों देशों की नौसेनाएं आपस में समन्वय से जटिल अभ्यास कर रही हैं। भारतीय नौसेना ने सोमवार को कहा था, ‘‘भागीदारी कर रही नौसेनाएं दोनों विमानवाहक पोत, अन्य जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों के साथ चार दिनों तक अभ्यास में हिस्सा लेंगी।’’
विमानवाहक पोत विक्रमादित्य और उसके लड़ाकू और हेलिकॉप्टर वायु शाखा के अलावा भारतीय नौसेना ने विध्वंसक पोत कोलकाता और चेन्नई, दुश्मनों को चकमा देने में सक्षम पोत तलवार और बेड़े की मदद करने वाले जहाज दीपक को भी इस अभ्यास में शामिल किया है। भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व पश्चिमी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन कर रहे हैं।
नौसेना ने कहा कि अभ्यास में जहाजों से उड़ानों के साथ ही विक्रमादित्य के मिग 29 के और निमित्ज से एफ-18 और ई2सी हॉक आई के उन्नत वायु रक्षा अभ्यास भी किए जाएंगे । पिछले महीने भारत ने घोषणा की थी कि ऑस्ट्रेलिया मालाबार अभ्यास का हिस्सा होगा।
चीन मालाबार अभ्यास को संदेह की नजर से देख रहा है क्योंकि उसे लगता है कि यह वार्षिक अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को रोकने की कोशिश है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर वार्ता के लिए टोक्यो में ‘क्वाड’ सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दो हफ्ते बाद अभ्यास के लिए भारत ने ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को आमंत्रित किया था।
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय कवायद के तहत मालाबार अभ्यास 1992 में शुरू हुआ था। जापान 2015 में इस अभ्यास का स्थायी सदस्य बना।
(एजेंसी इनपुट)