इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से लगा भारी झटका, तोशाखाना मामले में याचिका हुई खारिज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 24, 2022 01:27 PM2022-10-24T13:27:08+5:302022-10-24T13:32:17+5:30
इमरान खान तोशाखाना विवाद में चुनाव आयोग के आदेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित करवाने के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट की शरण में गये थे। लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें मायूस करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
इस्लामाबाद: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से उस समय भारी झटका लगा जब सोमवार को हाईकोर्ट ने तोशाखाना विवाद में सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया। इमरान खान तोशाखाना विवाद में चुनाव आयोग के आदेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित करवाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में गये थे। लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें मायूस किया और कहा कि इस मामले में इतनी जल्दी न दिखाएं और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें।
बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग ने तोशाखाना विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को यह कहते हुए अयोग्य घोषित कर दिया कि उन्होंने "झूठे बयान देकर और गलत घोषणाएं करके भ्रष्ट आचरण का सहारा लिया था। आयोग के इस फैसले के खिलाफ पीटीआई प्रमुख हाईकोर्ट में गये थे। हालांकि कोर्ट रजिस्ट्रार ने भी उनकी याचिका पर आपत्ति जताई थी।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने आज इस मामले में सुनवाई करते हुए खान की याचिका के संबंध में आपत्ति के बारे में पूछा तो खान के वकील अली जफर ने कोर्ट को बताया कि उनकी आपत्ति बायोमेट्रिक सत्यापन पर है और दूसरी यह कि चुनाव आयोग के फैसले की प्रमाणित प्रति याचिका के साथ संलग्न नहीं थी।
इसके साीथ ही वकील जफर ने कोर्ट में यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले में अपना विस्तृत फैसला भी जारी नहीं किया है और उन्हें उन्हें आदेश के महज दो पन्ने मिले हैं। इमरान खान के वकील के इस कथन पर चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने पूछा, "फिर जब आपको पूरा आदेश नहीं मिला है चुनाव आयोग से तब आपको मामले में इतनी जल्दी किस बात की है।"
इसके जवाब में वकील जफर ने कहा कि उनके मुवक्किल (इमरान खान) को आने वाले दिनों में चुनाव लड़ना है और साथ ही चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ भ्रष्ट आचरण के लिए मुकदमा चलाये जाने की भी अनुशंसा की है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है। इमरान खान के वकील जफर ने कोर्ट से कहा कि आयोग द्वारा अयोग्यता उनके मुवक्किल के लिए एक ''कलंक'' है, जिसका आने वाले चुनावों में बुरा प्रभाव हो सकता है।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने इमरान खान के वकील से कहा, "जब आयोग की ओर से अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है तो अदालत उनके किस आदेश को निलंबित करे। इसके साथ ही उन्होंने वकील जफर से रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा उठाई गई आपत्तियों को भी दूर करने का निर्देश दिया।
जफर ने कहा, “अयोग्यता लोगों के दिमाग को प्रभावित करेगी। याचिका के साथ चुनाव आयोग का संक्षिप्त आदेश संलग्न है।” इस पर चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने खान के वकील से पूछा कि क्या उनके पास शॉर्ट ऑर्डर की प्रमाणित प्रति है। जिसके जवाब में वकील जफर ने कहा कहा कि उन्होंने आयोग से प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया है।
इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा, "चुनाव आयोग ने जो अयोग्यता बताई है, वह केवल नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में लागू है।" जफर ने अपनी दलील में कहा, उन्हें इस स्थिति की जानकारी नहीं है। चुनाव आयोग ने अपने वेबसाइट पर केवल संक्षिप्त आदेश को ही अपलोड किया और उन्हें प्रमाणित प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
जज मिनाल्लाह ने कहा, "यदि आपको तीन दिनों के भीतर आयोग द्वारा आदेश की एक प्रति नहीं दी जाती है तो हम मामले की फिर से सुनवाई करेंगे।" इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आपको तीन दिनों में प्रमाणित प्रति मिल जाएगी।" इसके बाद चीफ जस्टिस मिनाल्लाह ने इमरान खान की याचिका को खारिज कर दिया।