बलूचिस्तान में पाक सरकार लोगों को गायब करा रही है, पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने खोली पोल
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 22, 2023 05:58 PM2023-04-22T17:58:16+5:302023-04-22T18:00:44+5:30
बलूचिस्तान में पाक सेना की चौकियों का एक नेटवर्क फैल रहा है और स्थानीय लोगों का कहना है कि इन चौकियों ने यहां दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि पाक सरकार असंतोष दबाने के लिए अपहरण को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने देश के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में लोगों के लगातार गायब होने के मामले को लेकर चिंता व्यक्त की है। पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया सिंध एक्सप्रेस ने बताया है कि देश के मानवाधिकार आयोग के अनुसार सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों को चुप कराने के लिए पाकिस्तान जबरन गुमशुदगी और अपहरण को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
क्वेटा में एक संवाददाता सम्मेलन में जारी आयोग की तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि जबरन गुमशुदगी के मामलों/अपहरण, आर्थिक तनाव, मीडिया की चुप्पी, अक्षम प्रशासन के कारण बलूचिस्तान के लोगों में गुस्सा और रोष बढ़ रहा है। लोगों के अनुसार बलूचिस्तान, पाकिस्तान का उपनिवेश बन गया है। रिपोर्ट जारी करने वाले अधिवक्ता हबीब ताहिर ने इस अवसर पर कहा कि अपहरण और लोगों का लापता होने जैसी चीजें दो दशक से हो रही हैं।
सिंध एक्सप्रेस के अनुसार, बलूचिस्तान में पाक सेना की चौकियों का एक नेटवर्क फैल रहा है और स्थानीय लोगों का कहना है कि इन चौकियों ने यहां दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लोगों के गायब होने की घटनाएं लगातार जारी हैं। लोकिन आजकल ऐसे मामले या तो सामने नहीं आते या फिर कम ही सामने आते हैं। इस बीच पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्तान में लगातार विरोध प्रदर्शन भी जारी है। प्रांत में अपना हक मांगने के लिए गिव राइट्स मूवमेंट चल रहा है। इसे चलाने वाले लोगों का कहना है कि बलूचिस्तान को राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए नरक बना दिया गया है।
बलूचिस्तान में पाक सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन होते रहते हैं। दरअसल ये प्रांत खनिज और संसाधन के मामले में पाकिस्तान का सबसे संपन्न इलाका है। पाक सरकार यहां संसाधनों से हासिल धन का इस्तेमाल पंजाब में विकास कार्यों पर करती है। बलूचिस्तान की स्थिति बदहाल ही है।
बता दें कि हाल ही में पीओके के गिलगित बाल्टिस्तान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोग भारत के साथ जुड़ने की मांग कर रहे हैं। मांग की जा रही है कि कारगिल सड़क को फिर से खोला जाए और भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में बाल्टिस्तान को दोबारा से मिलाया जाए।
यहां के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार भेदभाव करती है। यहां के लोगों को राशन मुहैया नहीं कराया जाता। जमीनों पर सरकार अवैध तरीके से कब्जा कर रही है और प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन किया रहा है।