पाकिस्तान: पासपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाले लेमिनेशन पेपर की भारी किल्लत, फ्रांस से आयात करने के लिए नहीं हैं पैसे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 11, 2023 12:59 PM2023-11-11T12:59:05+5:302023-11-11T13:00:08+5:30
पाकिस्तान ‘लेमिनेशन पेपर’ आमतौर पर फ्रांस से आयात किया जाता है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, पढ़ाई, काम या छुट्टियां मनाने के सिलसिले में विदेश यात्रा के लिए जिन लोगों को पासपोर्ट की जरूरत है, उनकी मुश्किलों का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।
नई दिल्ली: आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि पासपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘लेमिनेशन पेपर’ की भी भारी किल्लत हो गई है। परिणामस्वरूप आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में प्रमुख यात्रा दस्तावेज जारी करने में भारी गिरावट आई है। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान ‘लेमिनेशन पेपर’ आमतौर पर फ्रांस से आयात किया जाता है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, पढ़ाई, काम या छुट्टियां मनाने के सिलसिले में विदेश यात्रा के लिए जिन लोगों को पासपोर्ट की जरूरत है, उनकी मुश्किलों का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। खबर में नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर पेशावर के पासपोर्ट कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कार्यालय में फिलहाल प्रति दिन केवल 12 से 13 पासपोर्ट ही तैयार किए जा रहे हैं, जबकि पहले प्रतिदिन 3,000 से 4,000 पासपोर्ट बनते थे।
अखबार ने विभिन्न क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों के सूत्रों का भी हवाला देते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि यह समस्या कब हल होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को एक या दो महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, ‘पाकिस्तान ऑब्जर्वर’ पोर्टल ने गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा, "पाकिस्तान ने लेमिनेशन पेपर का ऑर्डर दे दिया है और उन्हें एक हफ्ते में इसकी आपूर्ति हो जाएगी।"
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का हवाला देते हुए खबर में यह भी कहा गया कि (क्षेत्रीय) कार्यालयों को दैनिक आधार पर पासपोर्ट के नवीनीकरण या उन्हें जारी करने के लिए 25,000 तक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, ऐसे देश में ‘लेमिनेशन पेपर’ की कमी के कारण आवेदनों की संख्या अब बढ़कर 5,00,000 तक पहुंच गई है।
बता दें कि पाकिस्तान में तकरीबन साढ़े नौ करोड़ लोग गरीबी में रहते हैं। पाकिस्तान में गरीबी एक वर्ष के भीतर 34.2 फीसद से बढ़कर 39.4 फीसद हो गई है। पाकिस्तानी रुपए के मूल्य में जबर्दस्त कमी आई है और हालात ऐसे हैं कि सरकार दूसरे देशों से जरूरी सामान भी आयात नहीं कर पा रही है।