जहरीले सांपों को उनके नुकीले दांत कैसे मिले? क्रम विकास को समझना जरूरी

By भाषा | Updated: August 15, 2021 11:22 IST2021-08-15T11:22:06+5:302021-08-15T11:22:06+5:30

How did venomous snakes get their fangs? It is important to understand evolution | जहरीले सांपों को उनके नुकीले दांत कैसे मिले? क्रम विकास को समझना जरूरी

जहरीले सांपों को उनके नुकीले दांत कैसे मिले? क्रम विकास को समझना जरूरी

(ए पाल्सी, फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी; ए लेब्लांक, किंग्स कॉलेज लंदन और ओ पनागियोतोपोलु, मोनाश यूनिवर्सिटी)

लंदन, 15 अगस्त (द कन्वरसेशन) विषैले सांप अपने नुकीले दांतों का उपयोग कर विषाक्त तत्वों को किसी अन्य जीव के शरीर में प्रवेश कराते हैं। ‘वेनम फैंग्स’ कहे जाने वाले उनके ये दांत खांचे और नलिका में ढले विशेष होते हैं जो काटने से होने वाले घाव में जहर को पहुंचाने में मदद करते हैं। सभी जानवरों में विशिष्ट रूप से सांपों में मौजूद ये खांचेदार और नलीदार दांत कई बार विकसित हुए हैं।

‘‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी” में प्रकाशित हमारा नया अनुसंधान दर्शाता है कि यह विकास दांत संरचनाओं में बदलाव के माध्यम से हुआ, जिसने संभवतः सांपों के दांतों को उनके खांचे में बांधे रखने में मदद की। कुछ खास प्रजातियों में, ये संरचना दांतों के लंबे खांचे में विकसित हुई जो जहर पहुंचाने के लिए एक आसान नली के रूप में काम करती है।

सांपों की लगभग चार हजार प्रजातियों में से, लगभग 600 को "चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण" माना जाता है, जिसका अर्थ है कि उनके काटने पर अस्पताल में इलाज की जरूरत होगी, लेकिन कई के दांत छोटे और नुकीले होते हैं और हल्के विषैले होते हैं। माना जाता है कि हल्के जहरों की उपस्थिति सांपों में जहर के नुकीले दांत दिखने से पहले की होती है।

ज़हर के नुकीले दांत तीन मुख्य तरीकों में से एक तरीके से अपनी जगह लिए हुए होते हैं: मुंह के पिछले हिस्से में, जैसे केकड़े खाने वाले पानी के सांप, बिल्लौरी आंखों वाले सांप, टहनी पर रहने वाले सांप और बूमस्लैंग सांपों में ; दूसरा मुंह के सामने वाले हिस्से में जैसे कोबरा, मूंगा सांप, करेत, ताइपन और समुद्री सांपों में होते हैं; या मुंह के सामने वाले हिस्से में जो पीछे की ओर या बग़ल में मोड़ने में सक्षम हों, जैसे कि एडर्स, वाइपर, रैटल सांपों और स्टिलेट्टो सांपों में होते हैं।

नुकीले दांतों का दोहरा इतिहास

सांपों के विकास क्रम को देखकर, हम मान सकते हैं कि सभी नुकीले दंत सर्पों का सबसे हाल का सामान्य पूर्वज शायद बिना नुकील दांत वाला था। यह इस विकल्प की तुलना में बहुत अधिक संभाव्य प्रतीत होता है कि नुकीले दांत एक बार पाए गए थे और फिर दर्जनों अलग-अलग सांपों की वंशावली में अलग-अलग रूप से खो गए।

तो सांपों ने अपने पूर्वजों के सरल शंकाकार दांतों से बार-बार सुईनुमा दांत कैसे विकसित किए?

इस प्रश्न का समाधान करने के लिए, हमने सांप के दांतों पर और उनके विकास पर करीब से नज़र डाली। हमने सांपों की 19 प्रजातियों की जांच की, जिनमें जहरीले और गैर-जहरीले दोनों प्रजातियां और एक प्रारंभिक जीवाश्म रूप शामिल किया। हमने दोनों पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया, जैसे कि माइक्रोस्कोप के तहत स्लाइडों का अध्ययन करना, और अत्याधुनिक माइक्रोसीटी स्कैन और बायोमैकेनिकल मॉडलिंग।

सांप के दांतों का रहस्य: दंत तहें

हमने पाया कि लगभग सभी सांपों - चाहे वे जहरीले हों या नहीं - उनके दांत उनके आधार पर कसकर बंधे होते हैं, और विशेष अंश (क्रॉस सेक्शन) में झुर्रीदार दिखते हैं।

ये सिलवटें या झुर्रियां दांत की परत में होती हैं जिन्हें डेंटाइन कहा जाता है, और लैटिन शब्द "प्लिका" से बने "प्लिसिडेंटाइन" के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है "मोड़"। कई विलुप्त जानवरों और चुनिंदा जीवित मछलियों और छिपकली की प्रजातियों में प्लिसिडेंटाइन पाया गया है। इन सिलवटों का कार्य स्पष्ट नहीं है, लेकिन एक सिद्धांत यह है कि ये काटने के दौरान दांतों के टूटने या मुड़ने की संभावना कम करते हैं।

इस खोज से पता चलता है कि कैसे एक साधारण पुश्तैनी विशेषता, जैसे कि प्लिसिडेंटाइन को परिवर्तित किया जा सकता है और एक पूरी तरह से नए कार्य (विष पहुंचाने के लिए एक नली के रूप में) के लिए फिर से तैयार किया जा सकता है। और इससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि क्यों सभी जानवरों में विशिष्ट रूप से सांपों में कई बार जहरीले नुकीले दांत विकसित हुए हैं।

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