पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक महिलाएं लिख रही नई इबारतः सिविज जज, सीनेटर और सहायक उप-निरीक्षक तक पहुंचीं

By भाषा | Updated: September 6, 2019 20:15 IST2019-09-06T20:13:53+5:302019-09-06T20:15:13+5:30

जनवरी में सुमन पवन बोदानी पाकिस्तान की पहली महिला हिंदू सिविज जज बनी थीं। बोदानी सिंध के शहदादकोट इलाके की हैं और सिविल जज/ न्यायिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की प्रावीण्य सूची में उनका 54वां स्थान था।

Hindu minority women are moving forward in Pakistan: Siviz became judge, senator and assistant sub-inspector | पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक महिलाएं लिख रही नई इबारतः सिविज जज, सीनेटर और सहायक उप-निरीक्षक तक पहुंचीं

पुष्पा की सफलता के बाद उनके दूसरे भाई बहन भी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

Highlightsपिछले साल कोहली समुदाय की एक अन्य महिला कृष्णा कुमारी पाकिस्तान की पहली सीनेटर बनी थीं।पुष्पा ने 2018 में एएसआई पद के लिए आवेदन किया। उन्होंने इस साल जनवरी में लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा दी।

पाकिस्तान में सरकारी पदों पर नियुक्ति के मामले में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय, खासतौर से महिलाएं, लंबे समय से हाशिए पर थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

पुष्पा कुमारी इस बात का ताजा उदाहरण हैं कि हिंदू महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अनुसूचित जाति के कोहली समुदाय से आने वाली 29 वर्षीय पुष्पा कुमारी ने सिंध में प्रांतीय प्रतियोगी परीक्षा पास की और पहली हिंदू महिला सहायक उप-निरीक्षक बन गईं।

इससे पहले जनवरी में सुमन पवन बोदानी पाकिस्तान की पहली महिला हिंदू सिविज जज बनी थीं। बोदानी सिंध के शहदादकोट इलाके की हैं और सिविल जज/ न्यायिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की प्रावीण्य सूची में उनका 54वां स्थान था।

पिछले साल कोहली समुदाय की एक अन्य महिला कृष्णा कुमारी पाकिस्तान की पहली सीनेटर बनी थीं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पुष्पा को सिंध पुलिस में शामिल किया गया है। हालांकि पुलिस में जाना उनका सपना नहीं था। उन्होंने 2014 में डॉव स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से 'क्रिटिकल केयर' में स्नातक किया और पिछले साल तक वह ट्रामा सेंटर की गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में टेक्नालॉजिस्ट के पद पर कार्यरत थीं।

उन्होंने अपनी पसंद के बारे में समाचार पत्र को बताया, '‘चिकित्सा पेशे में कई हिंदू महिलाएं हैं। मैं कुछ अलग करना चाहती थी और इसलिए मैंने पुलिस के लिए लोक सेवा आयोग परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया।'’

पुष्पा ने 2018 में एएसआई पद के लिए आवेदन किया। उन्होंने इस साल जनवरी में लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा दी। इस परीक्षा के बाद साक्षात्कार हुआ। इसके बाद दो सप्ताह पहले उन्होंने आखिरकार उत्तीर्ण उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम देखा। पुष्पा के सपने यहीं खत्म नहीं होते।

उन्होंने समाचार पत्र को बताया, ‘‘अब मेरी योजना अपराध-विज्ञान में परा-स्नातक डिग्री हासिल करने की ही। मैं दूसरी परीक्षाएं भी देना चाहती हूं, खासतौर से अगर सिंध सरकार पुलिस उपाधीक्षक की पोस्ट की घोषणा करती है।’'

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पुलिस में शामिल होने से दूसरी लड़कियां और महिलाएं भी अपनी पसंद का करियर चुनने का साहस कर पाएंगी और हो सकता है कि वे पुलिस, सेना, वायुसेना और नौसेना में शामिल हों।’’ पुष्पा सिंध के मीरपुरखास जिले की हैं और मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखती हैं।

उनकी मां जनसंख्या कल्याण विभाग में काम करती हैं और उनके पिता किराने की दुकान चलाते हैं। इस दंपती के कुल पांच बच्चे हैं। पुष्पा की सफलता के बाद उनके दूसरे भाई बहन भी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

Web Title: Hindu minority women are moving forward in Pakistan: Siviz became judge, senator and assistant sub-inspector

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