हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, राणा को प्रत्यर्पण का सामना करना होगा: अमेरिकी अटॉर्नी

By भाषा | Published: June 27, 2020 01:39 PM2020-06-27T13:39:58+5:302020-06-27T13:39:58+5:30

संघीय अभियोजकों के मुताबिक 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने ‘दाऊद गिलानी’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की।

Headley cannot be extradited to India, Rana will face extradition: US Attorney | हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, राणा को प्रत्यर्पण का सामना करना होगा: अमेरिकी अटॉर्नी

अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण के भारत का अनुरोध अभी दर्ज नहीं किया है

Highlightsमुंबई में आतंकवादी हमलों के दोषी डेविड हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता हैभारत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में राणा की संलिप्तता के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था।

वाशिंगटन: मुंबई में आतंकवादी हमलों के दोषी डेविड हेडली को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है लेकिन पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और हमलों के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण का सामना करना होगा। एक अमेरिकी अधिवक्ता ने राणा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए संघीय अदालत में यह कहा। डेविड कोलमेन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा को भारत के अनुरोध पर 10 जून को लास एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया है।

भारत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में राणा की संलिप्तता के लिए उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। भारत में राणा भगोड़ा घोषित है। मुंबई हमलों में छह अमेरिकी समेत 166 लोग मारे गए थे। संघीय अभियोजकों के मुताबिक 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने ‘दाऊद गिलानी’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की।

पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली लश्कर का आतंकी है। वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है। वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है। अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण के भारत का अनुरोध अभी दर्ज नहीं किया है हालांकि वह जल्द ही कर सकता है। यह साफ है कि इलिनोइस की अदालत में राणा पर जिन आरोपों पर मुकदमा चलाया गया, वे और भारत की शिकायत में लगाए गए आरोप अलग होंगे।

राणा ने अपने बचाव में कहा है कि सह-साजिशकर्ता हेडली को प्रत्यर्पित नहीं करने का अमेरिका का फैसला असंगत है और उसके प्रत्यर्पण को भी रोकता है। सहायक अमेरिकी अटॉर्नी जे. ललेजियान ने लास एंजिलिस की संघीय अदालत में शुक्रवार को कहा कि राणा के विपरीत हेडली ने हमलों में अपनी लिप्तता तुरंत स्वीकार कर ली थी और सभी आरोपों में दोष भी स्वीकार कर लिया था।

उन्होंने कहा कि इसलिए राणा का भारत प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा। राणा ने न तो दोष स्वीकारा और न ही अमेरिका के साथ सहयोग किया इसलिए उसके साथ परिस्थिति अलग है। इसलिए उसे वह लाभ नहीं मिल सकते जो हेडली को दिए गए। राणा की जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। 

Web Title: Headley cannot be extradited to India, Rana will face extradition: US Attorney

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