गूगल का खास डूडल, मार्शा पी जॉनसन को कर रहा है याद, समलैंगिक समुदाय के लिए उठाई थी आवाज

By विनीत कुमार | Published: June 30, 2020 07:17 AM2020-06-30T07:17:52+5:302020-06-30T07:17:52+5:30

Google Doodle: गूगल ने आज अपने खास डूडल के जरिए मार्शा पी. जॉनसन (Marsha P. Johnson) को याद कर रहा है। उनकी पहचान समलैंगिकों के लिए आवाज उठाने के तौर पर बनी।

Google Doodle 30 june remembers pioneering transgender activist Marsha P Johnson | गूगल का खास डूडल, मार्शा पी जॉनसन को कर रहा है याद, समलैंगिक समुदाय के लिए उठाई थी आवाज

गूगल कर रहा है मार्शा पी जॉनसन को याद (फोटो- गूगल डूडल)

Highlightsगूगल अपने डूडल के जरिए कर रहा है मार्शा पी जॉनसन को यादसमलौंगिंकों और ट्रांसजेंडर्स के लिए आवाज उठाने वाले चेहरों की सबसे अगली पंक्ति में नाम आता है मार्शा पी जॉनसन का

Google Doodle: गूगल आज अपने डूडल के जरिए LGBTQ यानी समलैंगिक समुदाय अधिकारों के लिए हमेशा आवाज उठाने वाली और खुद को 'ड्रैग क्वीन' घोषित करने वाली मार्शा पी. जॉनसन (Marsha P. Johnson) को याद कर रहा है। अमेरिका में समलैंगिक लोगों के अधिकारों की आवाज का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा चेहरों में उनका नाम शुमार है। आज के ही दिन यानी 30 जून को पिछले साल मार्शा जॉनसन को मरणोपरांत न्यूयॉर्क प्राइड मार्च का 'ग्रैंड मार्शल' घोषित किया गया था। 'ग्रैंड मार्शल' एक स्म्मानित पद है।

बता दें कि पश्चिमी सभ्यता में 'ड्रैग क्वीन' शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता रहा है जो पुरुष होते हुए भी मनोरंजन के लिए महिलाओं की तरह कपड़े पहनते थे या उनकी तरह मेक-अप आदि किया करते थे। पूर्व में ज्यादातर 'ड्रैग क्वीन' पुरुष ही हुआ करते थे। बाद में आधुनिक युग में 'ड्रैग क्वीन' को 'गे पुरुष' से जोड़ कर देखा जाने लगा लेकिन वे किसी भी लिंग या सेक्सुअल पहचान के हो सकते हैं।

Google Doodle: मार्शा पी जॉनसन के बारे में जानिए सबकुछ

मार्शा पी जॉनसन का जन्म 24 अगस्त 1945 को न्यू जर्सी में हुआ था। उनका नाम तब मैल्कम माइकल जूनियर था। साल 1963 में ग्रेजुएशन करने के बाद वे न्यूयॉर्क के ग्रीनविच विलेज चली गईं। यहां समलैंगिक लोगों की बहुतायत थी। कहते हैं यहां उन्होंने अपना नाम बदला और मार्शा पी जॉनसन रख लिया। 

LGBTQ समुदाय के लिए मुखरता से आवाज बुलंद करने वाली मार्शा साल 1969 में हुए 'स्टोनवाल अपराइजिंग' आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थी। माना जाता है कि इसी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समलैंगिक समुदाय के अधिकारों की बात होने लगी थी। आगे जाकर मार्शा ने अपने ट्रांसडेंजर साथी सिलविया रिवेरा के साथ मिलकर 'स्टार' नाम से एक संगठन भी बनाया।

जॉनसन पुरुष थे या महिला, इसे लेकर कई बार सवाल उठे लेकिन उन्होंने कभी कोई सीधा जवाब नहीं दिया। कहते हैं कि वे इस तरह के सवाल पूछने वालों पर तंज कस देती थीं। दरअसल, वे ये संदेश देना चाहती थी कि व्यक्ति को उसके लिंग के आधार पर पहचाना नहीं जाए और न ही भेदभाव हो।

साल 2019 में न्यूयॉर्क सिटी ने मार्शा और रिवेरा की मूर्ति भी ग्रीनविच विलेज में स्थापित करने की घोषणा की थी। यह दुनिया में ट्रांसजेंडरो के सम्मान में पहला स्मारक होगा। बहरहाल, गूगल ने जिस पेंटिंग का इस्तेमाल करते हुए आज का डूडल रखा है, इसे लॉस एंजेलिंस के रॉब गिलियाम ने बनाया है।

English summary :
Google Doodle Today: Google celebrating Marsha P. Johnson, who has always voiced for LGBTQ, the gay community rights and declared herself a 'drag queen', through her doodle. He is one of the few faces to lead the voice of gay people's rights in America.


Web Title: Google Doodle 30 june remembers pioneering transgender activist Marsha P Johnson

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