चीन ने कहा- 'यूके, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिका के चेहरे पर लगाए तमाचे और वह डिजर्व भी करता है'

By पल्लवी कुमारी | Published: August 22, 2020 02:23 PM2020-08-22T14:23:16+5:302020-08-22T14:23:16+5:30

कोरोना वायरस को लेकिन अमेरिका लगातार चीन पर आरोप लगा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कोविड-19 को लेकर चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। ट्रंप ने कई बार ये भी कहा है कि चीन को उनके गुस्सा झेलना होगा।

Global Times says UK, Germany and France slap on the US' face, and the latter deserves it | चीन ने कहा- 'यूके, फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिका के चेहरे पर लगाए तमाचे और वह डिजर्व भी करता है'

xi jinping (file Photo)

Highlightsचीन ने अपने अखबार में लिखा है कि  ईरान के साथ न्यूक्लियर डील से अमेरिका के अलग होने का फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिया था। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 2003 के इराक युद्ध के बाद ये सबसे दृढ़ समय है जब अमेरिका को उसके यूरोपीय सहयोगी देशों ने "नहीं" कहा है।

बीजिंग: चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़ा अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अफने संपादकीय में लिखा है कि ब्रिटेन (UK)फ्रांस और जर्मनी ने  एक संयुक्त बयान जारी कर ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की अमेरिका की योजना को खारिज कर दिया। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, यूके, फ्रांस और जर्मनी का संयुक्त बयान अमेरिका के चेहरे पर एक तमाचा है। चीन ने कहा है कि और ये थप्पड़ अमेरिका डिजर्व करता है। 

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 2003 के इराक युद्ध के बाद ये सबसे दृढ़ समय है जब अमेरिका को उसके यूरोपीय सहयोगी देशों ने "नहीं" कहा है। जिसने ईरान के मुद्दे पर अमेरिका को अकेला और अलग कर दिया है। चीन ने यह बयान गुरुवार को जारी किया है। 

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

अखबार ने लिखा है, संयुक्त राष्ट्र की ओर से ईरान पर लगाया गया प्रतिबंध 18 अक्टूबर 2020 को खत्म हो रहा है। अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था, लेकिन उसे सिर्फ डोमिनिका का समर्थन मिला था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 में शामिल स्नैपबैक तंत्र को ट्रिगर कर रहा है। 

अमेरिका मई 2018 में ईरान के साथ न्यूक्लियर डील के समझौते से अलग हो गया था। चीन का कहना है कि इसकी वजह से अमेरिका को ईरान पर प्रतिबंध लगाने का कोई कानूनी हक नहीं है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका गैंगस्टर की तरह काम कर रहा है और खुद को सुपर पावर होने की स्थिति में दिखा रहा है।

<a href='https://www.lokmatnews.in/topics/xi-jinping/'>शी जिनपिंग</a> और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

चीने कहा है कि कई पश्चिमी मीडिया आउटलेट कहते हैं कि अमेरिका का उद्देश्य ईरान को अलग-थलग करना है, लेकिन वाशिंगटन खुद को अलग कर रहा है। यह बहुत दूर चला गया है, अपने हितों और लक्ष्यों के बारे में जो पूरी दुनिया को समर्थन करना चाहिए। 

चीन ने कहा है कि ईरान भौगोलिक रूप से यूरोप के करीब है, और देश की स्थिरता यूरोप के लिए महत्वपूर्ण है। चीन ने अपने अखबार में लिखा है कि  ईरान के साथ न्यूक्लियर डील से अमेरिका के अलग होने का फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिया था। ट्रंप प्रशासन ने ईरान परमाणु समझौते को छोड़ने से न केवल यूरोप की सुरक्षा को खतरा पैदा किया है, बल्कि इसके आर्थिक हितों को भी कमजोर किया है। यूरोप के व्यापारिक हित भी ईरान के साथ जुड़े हैं। 

Web Title: Global Times says UK, Germany and France slap on the US' face, and the latter deserves it

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