पाकिस्तान तालिबान के दोहा समझौते की अनदेखी करने पर हुआ खौफजदा, बोला- 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को पालना बंद करो'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 18, 2023 02:51 PM2023-07-18T14:51:55+5:302023-07-18T15:01:33+5:30
पाकिस्तान अपने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन से बेहद खौफजदा है। इस्लामाबाद ने आरोप लगाते हुए कहा है कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानी सरकार ने दोहा समझौते का पालन करने की कसम खायी थी लेकिन वो इस समझौते की अनदेखी कर रही है।
इस्लामाबाद:पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन द्वारा दोहा समझौते की अनदेखी किये जाने पर बेहद खौफजदा है। जानकारी के अनुसार इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने तालिबान प्रशासन से अपनी नाराजगी जताते हुए बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान में शासन कर रहा तालिबान प्रशासन अपने मुल्क में आतंकियों को सुविधाएं दे रहा है, जबकि उसने आतंकवाद को खत्म करने की कसम खाई थी। इस्लामाबाद ने दावा करते हुए कहा है कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानी सरकार ने दोहा समझौते का पालन करने की कसम खायी थी लेकिन वो इस समझौते की अनदेखी कर रही है।
जबकि दूसरी ओर तालिबान शासन ने कहा कि उसने पाकिस्तान के साथ नहीं बल्कि अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और वह अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिए अपने क्षेत्र के उपयोग नहीं करने देगा।
पाकिस्तान की कड़ी टिप्पणी पर तालिबान सरकार की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई है, जब इस्लामाबाद ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को शरण देने के लिए अफगान तालिबान को दोषी ठहराया है। पाकिस्तान का आरोप है कि टीटीपी कथित तौर पर लगातार अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा है। बीते दिनों टीटीपी के कथित हमलों में बलूचिस्तान प्रांत में 12 पाक सैनिकों की मौत हो गई थी।
पाक सेना की मीडिया विंग ने बीते शुक्रवार को अफगानिस्तान में टीटीपी के लिए तालिबान द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे सुरक्षित पनाहगाहों की बेहद कड़ी निंदा की थी। उसके अगले दिन शनिवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी तालिबान प्रशासन पर पाकिस्तान के दुश्मनों को पनाह देने और दोहा शांति समझौते के खिलाफ जाने का आरोप लगाया और इसके लिए तालिबान शासन की निंदा भी की।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की इस कड़ी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बीबीसी पश्तो से कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद के साथ किसी भी तरह के शांति समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ख्वाजा आसिफ जिस दोहा समझौते का बात कर रहे हैं, वो तो हमारे और अमेरिका के बीच हुआ था।
तालिबान के इस रवैये पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता फरहतुल्ला बाबर ने कहा कि तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का बयान पाकिस्तान के लिए परेशानी पैदा करने वाला है। उन्होंने तालिबान से सवाल करते हुए कहा, "क्या मुजाहिद के बयान का यह मतलब यह है कि दोहा समझौता तालिबान को केवल कुछ आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए बाध्य करता है, बाकि आतंकियों पर नहीं?"
वहीं रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मुजाहिद के बयान के बाद कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से (टीटीपी) आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे इसकी जड़ें कहीं भी क्यों न हों। भले ही काबुल अपनी सीमाओं के भीतर से आतंकवादियों को पाले लेकिन हम आतंकवाद खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।