ह्यूस्टन में 22 सितंबर को आयोजित होने वाले पीएम मोदी के मेगा इवेंट 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होंगे। व्हाइट हाउस ने रविवार को इसकी पुष्टि कर दी। भारत ने इस अवसर को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है। माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार होगा जब दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के शीर्ष नेता किसी साझा रैली को संबोधित करेंगे। इस साझा रैली से कश्मीर का राग अलाप रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के हौसले भी पस्त होंगे।
पीएम मोदी ने इसपर खुशी जताते हुए कहा, 'हमें खुशी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 22 सितंबर को ह्यूस्टन में सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ह्यूस्टन में सामुदायिक कार्यक्रम में शामिल होने का अमेरिकी राष्ट्रपति का फैसला दोनों देशों के बीच विशेष मित्रता को रेखांकित करता है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी स्टीफन ग्रीशम ने एक बयान में कहा था, 'यह भारत और अमेरिका के लोगों के मजबूत सहयोग को दिखाने का बेहतरीन मौका है। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना लोकतंत्र एक साथ आएंगे साथ ही एनर्जी और व्यापारिक रिश्ते और मजबूत करेंगे।'
अमेरिका में भारत के एम्बेसडर हर्ष वर्धन श्रंगला ने हाउडी मोदी इवेंट में ट्रंप की सहभागिता को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया है। उन्होंने कहा, 'यह दिखाता है कि भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती और सहयोग का कितना मजबूत बंधन बंध गया है।'
पीएम मोदी के कार्यक्रम में ट्रंप के शामिल होने से पाक पीएम इमरान को दोहरा झटका लग सकता है। सितंबर के आखिर में इमरान ट्रंप से मुलाकात करके और यूएन में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दा उठाने की फिराक में हैं लेकिन ट्रंप खुद मोदी के कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में शायद ही इमरान की बात को ज्यादा तवज्जो मिले।
गौरतलब है कि मोदी और इमरान दोनों 21 सितंबर को ही अमेरिका पहुंचेगे और एक ही दिन (27 सितंबर) दोनों यूएन की जनरल असेंबली (UNGA) में भाषण दे सकते हैं।