वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लद्दाख में चल रहे भारत-चीन सीमा विवाद पर कहा है कि वह दोनों देशों से बात कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, दोनों देशों से बातचीत कर मदद करने की कोशिश कर रहा हूं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'यह बहुत मुश्किल स्थिति है। हम भारत से बात कर रहे हैं, हम चीन से भी बात कर रहे हैं। उनके बीच वहां बड़ी समस्या हो गई है। उनके बीच झड़प हो रही है। हम देखेंगे कि इसमें क्या कर सकते हैं। हम कोशिश करेंगे और उनकी मदद करेंगे।' इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन की सेना भारतीय सीमा पर तनाव को 'भड़का' रही है। उन्होंने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को 'दुष्टता' करने वाली पार्टी करार दिया था। भारत-चीन सीमा पर विवाद मई 2020 से ही बना हुआ है।
गलवान घाटी झड़प में भारत के 20 जवान हुए शहीद, चीन की सेना ने नहीं बताई संख्या
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में सोमवार रात (15 जून) हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है। पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।
अमेरिकी दूतावास ने कहा था- गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की वीरता को भुलाया नहीं जा सकेगा
अमेरिकी दूतावास ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत पर शुक्रवार (19 जून) को शोक व्यक्त किया था और कहा कि उनकी वीरता को भुलाया नहीं जा सकेगा। भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने ट्वीट किया, ''भारत में अमेरिकी दूतावास उन सैनिकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है जिन्होंने गलवान में प्राण न्योछावर किए। उनकी वीरता और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ना कोई भारतीय क्षेत्र में घुसा, ना ही हमारी किसी चौकी पर कब्जा हुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ छह सप्ताह से सीमा पर बने हुए गतिरोध के मुद्दे पर शुक्रवार (19 जून) को कहा कि किसी ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया और ना ही भारतीय चौकियों पर कब्जा किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि एलएसी पर चीन के कदमों से पूरा देश आहत और आक्रोशित है। उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि देश शांति और मित्रता चाहता है, लेकिन संप्रभुता की रक्षा सर्वोपरि है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के हालात पर चर्चा के लिए बुलाई सर्वदलीय बैठक में कहा कि सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों ने भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत करने वालों को ‘सबक’ सिखाया। उन्होंने कहा कि सेना को यथोचित कदम उठाने की आजादी दी गयी है।