चीन से बातचीत के लिए तैयार हैं दलाई लामा, कहा- हम आजादी नहीं मांग रहे हैं, न ही किसी से नाराजगी है

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 8, 2023 03:25 PM2023-07-08T15:25:52+5:302023-07-08T15:27:42+5:30

दलाई लामा ने दिल्ली और लद्दाख की यात्रा पर निकलने से पहले धर्मशाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने कई सालों से तय किया है कि हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि तिब्बतियों की समस्याओं पर चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।

Dalai Lama is ready for talks with China said we are not asking for independence | चीन से बातचीत के लिए तैयार हैं दलाई लामा, कहा- हम आजादी नहीं मांग रहे हैं, न ही किसी से नाराजगी है

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा

Highlightsतिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का बड़ा बयानकहा- तिब्बतियों की समस्याओं पर चीन के साथ बातचीत के लिए तैयारकहा- हम आजादी नहीं मांग रहे हैं

नई दिल्ली: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि वह तिब्बतियों की समस्याओं पर चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। दलाई लामा ने ये दावा भी किया है कि चीन की सरकार 'आधिकारिक या अनौपचारिक' तौर पर उनसे संपर्क करना चाहती है। 

उन्होंने कहा, "मैं हमेशा बातचीत के लिए तैयार हूं। अब चीन को भी एहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत है। इसलिए, तिब्बती समस्याओं से निपटने के लिए वे मुझसे संपर्क करना चाहते हैं। मैं भी तैयार हूं।"

दलाई लामा ने दिल्ली और लद्दाख की यात्रा पर निकलने से पहले धर्मशाला में पत्रकारों से बात करते हुए यह टिप्पणी की। दलाई लामा से पूछा गया कि क्या वह चीन के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहते हैं? जवाब में उन्होंने कहा, "हम आजादी नहीं मांग रहे हैं, हमने कई सालों से तय किया है कि हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बने रहेंगे। चीनी , आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से मुझसे संपर्क करना चाहते हैं" 

बता दें कि 6 जुलाई को दलाई लामा ने अपना 88वां जन्मदिन मनाया और अपने निवास के निकट धर्मशाला में मुख्य तिब्बती मंदिर प्रांगण का दौरा किया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा कि वह किसी से नाराज नहीं हैं, यहां तक ​​कि उन चीनी नेताओं से भी नहीं, जिन्होंने तिब्बत के प्रति कठोर रवैया अपनाया है।

बता दें कि चीन ने तिब्बत को साल 1951 में अपने नियंत्रण में ले लिया था।  'संसार की छत' के नाम से विख्यात इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म को मानने वालों की बहुतायत है। चीन में तिब्बत का दर्जा एक स्वायत्तशासी क्षेत्र के तौर पर है। चीन का कहना है कि इस इलाके पर सदियों से उसकी संप्रभुता रही है। हालांकि तिब्बती चीन के कब्जे को अवैध मानते हैं और भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे दलाई लामा को अपना सर्वोच्च राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता मानते हैं।

Web Title: Dalai Lama is ready for talks with China said we are not asking for independence

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