कोरोना वैक्सीन पर फाइनली गुड न्यूज, ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल शुरू
By पल्लवी कुमारी | Published: June 25, 2020 10:07 AM2020-06-25T10:07:50+5:302020-06-25T10:07:50+5:30
दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 93 लाख के पार चली गई है और चार लाख 75 हजार से करीब लोगों की मौत हो गई है। WHO का अनुमान अगले सप्ताह कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या एक करोड़ को पार कर जाएगी।
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले एक करोड़ के करीब होने वाले हैं। ऐसे में हर किसी को कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus vaccine) का इंतजार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पिछले हफ्ते जानकारी देते हुए कहा था कि इस साल के अंत तक हमें कोरोना वैक्सीन मिल जाएगा। कोरोना वैक्सीन को लेकर ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से अच्छी खबर आई है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स कोरोना वैक्सीन के लास्ट स्टेज के ट्रायल में हैं। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल पहले ही शुरू कर चुका है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी जिस वैक्सीन पर काम कर रही है, उसका इंसानों पर पहली बार परीक्षण बुधवार (24 जून) को अफ्रीका में शुरू हुआ है। इस वैक्सीन के विकास में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के साथ दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका भी शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका पीएलई (AstraZeneca Plc) की एक्सपेरिमेंट वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्टेज में पहुंच गई है। ChAdOx1 nCov-19 वैक्सीन ट्रायल के लिए 10,260 लोगों को दी जाएगी। जिसमें बच्चे और वयस्क दोनों शामिल होंगे। इस वैक्सीन का ट्रायल यूनाइेड किंगडम के साथ-साथ अफ्रीका और ब्राजील में भी हो रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने के लिए 100 मिलियन डॉलर इनवेस्ट किए हैं।
ट्रायल सफल रहा तो इस साल के अंत में लॉन्च होगा ये कोरोना वैक्सीन
इंसानों पर वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल का मतलब होता है कि ये इंसान के शरीर पर कितना असरदार होता है और शरीर को कितना नुकसान और फायदा पहुंचा सकता है इसका भी आकलन किया जाता है। यह वैक्सीन ChAdOx1 वायरस से बनी है जो सामान्य सर्दी देने वाले वायरस का एक कमजोर करने का रूप है। इसे जेनेटिकली बदला गया है इसलिए यह इंसानों को इन्फेक्ट नहीं करता। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक अगर ये ट्रायल सफल रहा तो इस कोरोना वैक्सीन को इस साल के आखिर में लॉन्च किया जाएगा।
ऑक्सफोर्ड के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने बुधवार (24 जून) को कहा, क्लिनिकल ट्रायल बहुत अच्छी तरह से प्रगति कर रहे हैं और हम अब यह मूल्यांकन करने के लिए रिसर्च कर रहे हैं कि वैक्सीन कितना ज्यादा असरदार है। हम यह भी रिसर्च कर रहे हैं कि क्या इस वैक्सीन को एक बड़ी आबादी को दिया जा सकता है।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने बुधवार (24 जून) को एक बयान जारी कर कहा है कि ब्रिटेन में इसके ट्रायल में चार हजार वॉलंटियर्स ने भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और 10 हजार और लोगों के हिस्सा लेने की योजना है।
13 वैक्सीन ऐसे हैं जो क्लिनिकल इवैलुएशन में हैं- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोविड-19 के लिए 13 वैक्सीन ऐसे हैं जो क्लिनिकल इवैलुएशन में हैं। इसके अलावा 129 वैक्सीन कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिनका अभी प्री-क्लिनिकल इवैलुएशन चल रहा है। 10 वैक्सीन ऐसे हैं जो एडवांस क्लिनिकल ट्रायल में हैं और 115 प्रीक्लिनिकल स्टेज में हैं। लंदन के इम्पीरियल कॉलेज की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी जल्द शुरू होने वाला है। इसके अलावा चीन के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और कैनसिनो बायोलॉजिकल इंक का वैक्सीन ट्रायल क्लिनिकल इवैलुएशन के फेज 2 में है।
वहीं अमेरिका के नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीजेज और Moderna Inc की वैक्सीन भी ट्रायल के दूसरे फेज में है। इसके साथ ही गेमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का वैक्सीन ट्रायल फर्स्ट फेज में है।