दुनियाभर में कोरोना के खिलाफ दवा और वैक्सीन बनाने की खोज के बीच खुशखबरी आई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को वैक्सीन तैयार करने में बड़ी सफलता हासिल हुई है। यूनिवर्सिटी ने एक कोरोना की वैक्सीन विकसित कर रही है जिसका इंसानों पर सफल परीक्षण किया गया है। इस खबर के बाद दुनियाभर में खुशी की लहर दौड़ गई है। यूनिवर्सिटी द्वारा यह वैक्सीन वैक्सीन अगले फेज में पहुंच गई है।
बता दें कि कोरोना वायरस वैक्सीन की रेस में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी आगे चल रही है। इंसानों पलसे ट्रायल के नतीजे सोमवार को The Lancet पत्रिका में छापे गए। रिसर्च पेपर में बताया गया है कि वायरल वेक्टर से बनी कोरोना वायरस वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 दिए जाने पर वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पाई गई। बता दें कि अब इसे अगले स्टेज के ट्रायल के लिए भी दे दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल 1,077 लोगों पर किया गया था और इनपर नतीजे उत्साहजन रहें। बताया जा रहा है कि जिन्हें वैक्सीन दी गई उनमें एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स बने जो कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम थे।
लांसेट’ नामक पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके प्रायोगिक कोविड-19 टीके ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ। एड्रियन हिल ने कहा, ‘‘हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह टीका विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों दोनों पक्षों को मजबूत कर देता है।’’ हिल ने कहा कि एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस टीका से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करते हैं।