दुनिया के 199 देशों में फैल कोरोना वायरस के दवा/वैक्सिन की खोज जारी है। इस बीच चीन ने दावा किया है उसके वैज्ञानिकों ने कोविड-19 को शरीर में ही खत्म कने का एक तरीका ईजाद कर लिया है। कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान से हुई है। शुरुआत में सबसे ज्यादा मामले और मौतें चीन में ही सामने आए लेकिन उसने अब इस पर एक काबू पा लिया है। चीन में 81740 कोरोना वायरस के मरीजों में 75700 लोगों का सफल इलाज किया चुका है। जबकि अमेरिका और यूरोपीय देशो में कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या बढ़ती जा रही है।
नैनो मैटेरियल से होगा कोरोना वायरस का खात्मा
चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट कर जानकारी दी है कि चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए नया हथियार बनाया है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नैनो मैटेरियल बना लिया है जो शरीर में प्रवेश करके कोरोना वायरस को सोख लेता और और उसके बाद उसे 96.5 से 99.9% सफलता के साथ निष्क्रिय करने में सक्षम है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन ने कोई दवा या वैक्सिन नहीं बनाई है।
आउटलुक में छपी खबर के अनुसार, नैनो मैटेरियल का उपयोग विभिन्न प्रकार की निर्माण प्रक्रियाओं, उत्पादों और मेडिकल के क्षेत्र में किया जाता है। इसके अलावा पेंट्स, फिल्टर्स, इन्सुलेशन और लुब्रिकेंट पैदा करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। मेडिकल के क्षेत्र में नैनोइंजाइम का इस्तेमाल होता है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि खास तरीके और उद्देश्य से तैयार नैनो पार्टिकल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। एनआईएच ने कहा, "नैनोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल उन फार्मास्युटिकल्स को डिजाइन करने के लिए किया जा सकता है जो शरीर के विशिष्ट अंगों या कोशिकाओं जैसे कैंसर कोशिकाओं को लक्षित कर सकते हैं।" इससे बीमार हो चुके कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है।
हालांकि नैनो मैटेरियल के इस्तेमाल को लेकर अब तक वैज्ञानिकों के बीच मतभेद है। मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर इसके प्रभावों पर बहुत कम अध्ययन हुआ है। इसके अलावा किन चीजों के इस्तेमाल नैनोइंजाइम में किन चीजों का इस्तेमाल हो यह स्पष्ट नहीं और नुकसान की आशंका भी है। उदाहरण के लिए सिल्वर (चांदी) को अगर नैनो मैटिरियल में बदल कर शरीर में प्रवेश कराया जाए तो काफी नुकसान हो सकता है।