लाइव न्यूज़ :

क्षेत्रीय दावों को लेकर दबाव बनाने के लिए एलएसी पर चीन की ‘‘रणनीतिक कार्रवाई’’ जारी : पेंटागन

By भाषा | Updated: November 4, 2021 19:05 IST

Open in App

(ललित के झा)

वाशिंगटन, चार नवंबर पेंटागन ने चीन के सैन्य आधुनिकीकरण पर अपनी एक प्रमुख रिपोर्ट में कहा है कि चीन भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने दावे को लेकर दबाव बनाने के लिए ‘‘सतत रणनीतिक कार्रवाई’’ कर रहा है और उसने गतिरोध के दौरान और उसके बाद भी भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने से रोकने की असफल कोशिश की है।

पेंटागन की यह रिपोर्ट ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच भारी तनाव के बीच आई है और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, अमेरिकी जनरल मार्क मिले की ओर से चीन की सैन्य प्रगति के संबंध में कड़ी चेतावनी जारी होने के कुछ घंटों बाद प्रकाशित हुई है।

पेंटागन ने चीन को अमेरिका के लिए ‘‘बढ़ती चुनौती’’ बताया।

रक्षा विभाग ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को बताया, ‘‘पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) नहीं चाहता कि सीमा विवाद के चलते भारत और अमेरिका और निकट आएं। पीआरसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है।’’

पेंटागन पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैन्य गतिरोध पर नियमित रूप से कांग्रेस को अवगत कराता है। रक्षा विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चीन अपने पड़ोसियों, विशेष रूप से भारत के साथ आक्रामक और प्रतिरोधी व्यवहार करता है।

पेंटागन ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने आधिकारिक बयानों और मीडिया के जरिए आरोप लगाया कि भारत इस क्षेत्र में अमेरिकी नीति का एक ‘‘हथियार’’ मात्र है। साथ ही उन्होंने गतिरोध के दौरान और बाद में इस बात की पूरी कोशिश की कि भारत के अमेरिका के साथ संबंध प्रगाढ़ नहीं हों।

पेंटागन ने कहा कि मई 2020 की शुरुआत में, चीनी सेना ने सीमा पार से भारतीय नियंत्रित क्षेत्र में घुसपैठ शुरू की और एलएसी पर गतिरोध वाले कई स्थानों पर सैनिकों को तैनात किया।

पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रही राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद, चीन ने एलएसी पर अपने दावों को लेकर दबाव बनाने के लिए " रणनीतिक कार्रवाई को बढ़ाना" जारी रखा है।

जून 2021 तक, चीन और भारत ने एलएसी पर बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखी थी। इसके अलावा, तिब्बत और शिनजियांग सैन्य जिलों से एक पर्याप्त रिजर्व बल पश्चिमी चीन के अंदरुनी हिस्सों में तैनात किया गया था ताकि त्वरित प्रतिक्रिया के लिये तैयार रहा जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में जब चीन और भारत के बीच गतिरोध चरम पर था उस वक्त चीन की सेना ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया ताकि तेजी से संचार हो सके और विदेशी आक्रमण से सुरक्षा बढ़ाई जा सके।

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। 1975 के बाद एलएसी पर जान जाने का यह पहला मामला था।

पेंटागन ने कहा कि फरवरी 2021 में, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने चार पीएलए सैनिकों के लिए मरणोपरांत पुरस्कार की घोषणा की, हालांकि चीनी हताहतों की कुल संख्या अभी भी नहीं पता चल पाई है।

वर्ष 2020 में चीन ने एलएसी के पूर्वी क्षेत्र में चीनी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच विवादित क्षेत्र के अंदर 100-घरों वाला असैन्य गांव भी बसाया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतAdventure Tourism Summit 2025: एडवेंचर टूरिज्म कार्यक्रम के लिए है कश्मीर, जानें क्या कुछ होगा खास

क्रिकेटSMAT 2025: यशस्वी जायसवाल मुंबई टीम से जुड़े, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दिखाएंगे अपनी बैटिंग का जलवा

भारतबारिश की कमी से कश्मीर में गंभीर जलसंकट, सारा दारोमदार बर्फ पर टिका

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत

कारोबार10 कंपनियों में से 5 का मार्केट कैपिटल 72,285 करोड़ बढ़ा, जानें सबसे ज्यादा किसे हुआ फायदा

विश्व अधिक खबरें

विश्व‘बार’ में गोलीबारी और तीन बच्चों समेत 11 की मौत, 14 घायल

विश्वड्रोन हमले में 33 बच्चों सहित 50 लोगों की मौत, आरएसएफ और सूडानी सेना के बीच जारी जंग

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद