अगस्त से ही चीन में फैला था कोरोना, अस्पतालों में भीड़, इंटरनेट पर कफ के लक्षणों की खोज के आधार पर हार्वर्ड मेडिकल स्कूल का दावा

By अजीत कुमार सिंह | Updated: June 9, 2020 18:19 IST2020-06-09T18:19:42+5:302020-06-09T18:19:42+5:30

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने वुहान में अस्पतालों की फुल पार्किंग, इंटरनेट पर लोगों की कफ और डायरिया के बारे में सर्च के आधार पर दावा किया है कि चीन में कोरोना वायरस अगस्त में ही फैलना शुरू हो गया था. इस रिसर्च के लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने सैटेलाइट इमेज और ट्रैफिक पैर्टन का सहारा लिया है.

China:Harvard medical school claim corona Virus Spread In August, China sayas"Ridiculous". | अगस्त से ही चीन में फैला था कोरोना, अस्पतालों में भीड़, इंटरनेट पर कफ के लक्षणों की खोज के आधार पर हार्वर्ड मेडिकल स्कूल का दावा

चीन, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के इस दावे को खरिज कर रहा है. (file photo)

Highlightsहार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने रिसर्च के लिए वुहान के अस्पतालों की पार्किंग की सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है. चीन में लोग इस दौरान कफ, डायरिया जैसे लक्षणों के बारे में इंटरनेट पर सर्च कर रहे थे.कोरोना वायरस चीन के इसी वुहान शहर से ही 2019 में दुनिया भर में फैला था.

क्या चीन में अगस्त 2019 में कोरोना वायरस फैलना शुरू हो गया था. चीन में कोरोना वायरस की खबरें दिसंबर से आनी शुरू हुई लेकिन अमेरिका के हार्वर्ड  मेडिकल स्कूल का दावा है कि सकता है ये चीन में अगस्त 2019 से ही फैल रहा हो. तो क्या चीन इस खबर को छुपा रहा था. हार्वर्ड  मेडिकल स्कूल ने सैटेलाइट इमेज, लोगों के आने जाने के पैटर्न और सर्च इंजन डेटा से मिली जानकारी  के आधार पर ये दावा किया है. हालांकि चीन, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के इस दावे को खरिज कर रहा है.

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने रिसर्च के लिए वुहान के अस्पतालों की पार्किंग की सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल किया गया है. कोरोना वायरस चीन के इसी वुहान शहर से ही 2019 में दुनिया भर में फैला था. चीन में लोग इस दौरान कफ, डायरिया जैसे लक्षणों के बारे में इंटरनेट पर सर्च कर रहे थे. 

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि दिसंबर में आधिकारिक रुप से एलान के पहले ही अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी थी और लोग चीन में इंटरनेट पर इससे जुड़े लक्षणों के बारे सर्च करने लगे थे.

अमेरिका के बोस्टन शहर में मौजूद हार्वर्ड  मेडिकल स्कूल की रिसर्च कहती है कि "हालांकि हम ये कन्फर्म नहीं कर सकते कि अस्पतालों में बढ़ती भीड़ और इंटरनेट पर सर्च के पीछे की वजह कोरोना ही थी."

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च के मुताबिक "दिसंबर में मामले आने से पहले अगस्त 2019 में ही अस्पतालों की पार्किंग भरी हुईं थी. साथ ही लोग कफ और डायरिया के बारे इंटरनेट पर सर्च करने लगे थे. आमतौर इतना सर्च पहले नहीं किया गया." हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की ये रिपोर्ट https://dash.harvard.edu/handle/1/42669767 पर देख जा सकती है.

क्या कहता है चीन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. चीन ने इसे पूरी तरह हास्यास्पद कहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा "मुझे लगता है कि यह हास्यास्पद है, ट्रैफ़िक वॉल्यूम जैसे सतही जानकारी के आधार पर ये निष्कर्ष निकालना अविश्वसनीय रूप से हास्यास्पद है." 

आपको बता दें कि अमेरिका लगातार चीन पर कोरोना वायरस के बारे में जानकारी छुपाने का आरोप लगाता रहा है. अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर बी चीन के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. 

कोरोना वायरस से अब तक कितने लोग संक्रमित

कोरोना वायरस की वजह इस समय दुनिया में 72 (7,219,187) लाख लोग संक्रमित हैं और इसने अब तक 4 (409,108) लाख लोगों की जान ले ली है. कोविड 19 से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका है जहां 20 लाख (2,026,597)  लोग इससे संक्रमित हैं और 1 लाख 13 हजार( 113,061) लोगों की मौत हो चुकी है. 

जहां से इस बीमारी की शुरूआत हुई वहां चीन में अब कोरोना वायरस काबू में हैं और वो कोविड 19 से प्रभावित देशों की लिस्ट में 18 वें नंबर पर चला गया है. चीन में इस वक्त कोरोना वायरस से 83 हजार( 83,043) लोग संक्रमित है और वहां इससे 4634 लोगों की मौत हुई हैं. 

Web Title: China:Harvard medical school claim corona Virus Spread In August, China sayas"Ridiculous".

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