ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी, कहा- जरूरत पड़ी तो सेना का इस्तेमाल भी करेंगे

By शिवेंद्र राय | Published: January 30, 2023 07:23 PM2023-01-30T19:23:04+5:302023-01-30T19:24:47+5:30

चीन ताइवान को अपना एक विद्रोही राज्य मानता है। ताइवान एक ऐसा द्वीप है जो 1950 से ही स्वतंत्र रहा है। ताइवान खुद को भले ही स्वायत्त मानता हो लेकिन चीन इसे अपनी मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहता है।

China warns America about Taiwan Said If needed we will use army | ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी, कहा- जरूरत पड़ी तो सेना का इस्तेमाल भी करेंगे

ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन एक बार फिर आमने-सामने

Highlightsअमेरिका और चीन एक बार फिर से टकराते हुए दिख रहे हैंताइवान के मुद्दे पर अमेरिकी जनरल के बयान से नाराज है चीनचीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने अमेरिका को चेताया

नई दिल्ली: ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन एक बार फिर से टकराते हुए दिख रहे हैं। कुछ दिन पहले ही अमेरिका के जनरल माइक मिनिहन ने एक बयान में दोनों के बीच युद्ध की संभावना की बात कही थी। माइक मिनिहन ने कहा था कि साल  2025 में चीन और अमेरिका के बीच युद्ध हो सकता है।

अब अमेरिकी जनरल के बयान से चिढ़े चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इस मामले पर अमेरिका को जवाब देते हुए कड़े शब्दों में चेतावनी दी है।  सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "नए विवाद की जड़ में दो बातें हैं। पहली ये कि ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी आजादी के लिए अमेरिका पर निर्भर हो रही है। दूसरा ये कि अमेरिका के कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह 'एक-चीन नीति' और दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को माने"

माओ निंग ने आगे कहा, "ताइवान चीन का हिस्सा है। हम शांतिपूर्ण तरीके और पूरी ईमानदारी से एकीकरण चाहते हैं। हालांकि हम ऐसा कोई वादा नहीं कर रहे कि सेना का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हर जरूरी कदम उठाने का अधिकार हमारे पास है।"

ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन इससे पहले भी आमने-सामने हो चुके हैं। पिछले साल अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के दौरान दोनो देशों के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था। पेलोसी की यात्रा के जवाब में चीन ने ताइवान के नजदीक आक्रामक सैन्य अभ्यास किया था। मामला इतना बढ़ा था कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को आग से नहीं खेलने की चेतावनी तक दे दी थी। 

बता दें कि चीन ताइवान को अपना एक विद्रोही राज्य मानता है। ताइवान एक ऐसा द्वीप है जो 1950 से ही स्वतंत्र रहा है। ताइवान खुद को भले ही स्वायत्त मानता हो लेकिन चीन इसे अपनी मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ना चाहता है। साल 1972 में अमेरिका ने भी एक चीन सिद्धांत को स्वीकार कर लिया था। हालांकि अमेरिका यह बिल्कुल नहीं चाहता कि ताइवान सीधे चीनी साम्यवादी सरकार के नियंत्रण में आ जाए।

Web Title: China warns America about Taiwan Said If needed we will use army

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