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बांग्लादेश में शरण लिये हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों की म्यांमार वापसी में मदद करेगा चीन

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 8, 2022 17:16 IST

बांग्लादेश अपने यहां रह रहे लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित म्यांमार वापसी और उनके पुनर्वास में चीन से मदद की उम्मीद कर रहा है।

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ठळक मुद्देबांग्लादेश में रह रहे लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को चीन की मदद से वापस भेजा जाएगा बांग्लादेश चाहता है कि चीन रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित म्यांमार वापसी और पुनर्वास में मदद करेचीन ने कहा कि उसे हिंसा पीड़ित रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ हमदर्दी है और वह उनकी मदद करेगा

ढाका:चीन ने बांग्लादेश सरकार के उस संकल्प को अपना समर्थन दिया है, जिसमें बांग्लादेश सरकार म्यांमार में तख्तापलट के बाद बर्बर नरसंहार से बचकर शरण लिये हुए लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस म्यांमार भेजने की बात कह रही है।

जानकारी के मुताबिक इस समय लाखों रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण लिये हुए हैं। जिसके कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भारी चोट पहुंच रही है। इसलिए बांग्लादेश चाहता है कि चीन म्यांमार का मौजूदा सैनिक शासन में रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास में मदद करे।

इस संबंध में रविवार को चीन ने बांग्लादेश की इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें हिंसा पीड़ित लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ बेहद हमदर्दी है और उन्हें सुरक्षित वापस म्यांमार भेजा जाना चाहिए।

खबरों के मुताबिक ढाका में बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर चीनी समकक्ष वांग यी के साथ लंबी चर्चा की और दोनों देशों ने एक राय कायम करते हुए रोहिंग्याओं की सुरक्षित वापसी के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता जताई।

साल 2017 में बौद्ध बहुल म्यांमार में हुए सैन्य तख्ता पलट के बाद हिंसा और बर्बर यातनाओं के शिकार हुए करीब एक लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण ली हुई है।

रोहिंग्या मसले पर हुई चीन के साथ हुई वार्ता के बाद विदेश मंत्री मोमेन ने कहा कि चीन ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए करीब 3,000 से अधिक घरों का निर्माण किया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन शरणार्थियों के बांग्लादेश से म्यांमार वापसी पर उन्हें प्रारंभिक भोजन की सहायता भी उपलब्ध करायेगा। विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा, "बांग्लादेश चीन के इस प्रयास की सरहना करते हुए उन्हें धन्यवाद देना चाहता है कि उन्होंने हमारे अनुरोध पर रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार में पुनर्स्थापित करने के लिए सराहनीय प्रसाय किये हैं।"

इस गंभीर मसले पर राजनैतिक विश्लेषक मुंशी फैज अहमद ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि रोहिंग्या संकट को हल करने के लिए बांग्लादेश को चीन से समर्थन की सख्त आवश्यकता है और चीन इस मसले में बाग्लादेश को सकारात्मक सहयोग दे रहा है।"

वहीं बांग्लादेश शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्याओं को सूचीबद्ध करने का प्रयास कर रहा है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अब तक कॉक्स बाजार के दक्षिण-पूर्वी जिले स्थित शिविरों में रहने वाले लगभग 800,000 से अधिक शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा म्यांमार भेजा है।

इससे पहले चीन ने साल 2017 में करीब 700,000 रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षित बांग्लादेश से म्यांमार पहुंचाने के लिए समझौता किया था। उसके बाद चीन ने साल 2019 में दो बार रोहिंग्या शरणार्थियों की वापसी का प्रयास किया था लेकिन बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों ने सैन्य हिंसा के डर से वापस लौटने से मना कर दिया था।

टॅग्स :रोहिंग्या मुसलमानRohingyaबांग्लादेशचीन
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