चीन को मिली चेतावनी, 90 दिन के अंदर बलोचिस्तान खाली करने का मिला अल्टीमेटम, सीपीईसी पर खतरा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 15, 2023 03:45 PM2023-08-15T15:45:50+5:302023-08-15T15:47:18+5:30

बलोचिस्तान में अरबों डॉलर की लागत वाले 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' (सीपीईसी) का काम चल रहा है और ग्वादर बंदरगाह इसका एक प्रमुख केंद्र है। बलोच इसे क्षेत्र पर चीन के अधिपत्य के रूप में देखते हैं।

China receives warning ultimatum to vacate Balochistan within 90 days danger on CPEC | चीन को मिली चेतावनी, 90 दिन के अंदर बलोचिस्तान खाली करने का मिला अल्टीमेटम, सीपीईसी पर खतरा

बलोचिस्तान में अरबों डॉलर की लागत वाले 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' (सीपीईसी) का काम चल रहा है

Highlightsबलूचिस्तान में सक्रिय चरमपंथी संगठन ने दिया चीन को अल्टीमोटम90 दिन के अंदर बलूचिस्तान से हटने को कहा गयाहाल ही में एक चीनी नागरिकों के एक काफिले पर हमला किया गया था

नई दिल्ली:  पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर शहर में चीन के कर्मचारियों को ले जा रहे एक काफिले पर हमले के बाद बलूचिस्तान में सक्रिय चरमपंथी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी - मजीद ब्रिगेड ने चीन को चेतावनी दी है। चरमपंथी संगठन ने चीन को क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बंद करने और छोड़कर चले जाने के लिए 90 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

बता दें कि रविवार, 13 अगस्त को किए गए एक भीषण हमले में अलगाववादी संगठन बलूच लिब्रेशन आर्मी ने  चार चीनी नागरिक और 9 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने का दावा भी किया। बलोचिस्तान में अरबों डॉलर की लागत वाले 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' (सीपीईसी) का काम चल रहा है और ग्वादर बंदरगाह इसका एक प्रमुख केंद्र है। चीन के भी कई कर्मचारी यहां काम करते हैं। सीपीईसी परियोजना के तहत चीन, बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। बलोच इसे क्षेत्र पर चीन के अधिपत्य के रूप में देखते हैं।

हमले के बारे में । पाकिस्तानी थलसेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बताया था कि रमपंथियों ने छोटे हथियारों और हथगोलों से हमला किया था। इस्लामाबाद स्थित चीन के दूतावास ने ग्वादर में चीन के नागरिकों को ले जा रहे काफिले पर हमले की ‘गहन जांच’ की मांग की है। पिछले कुछ सालों से बलोचिस्तान के अलगाववागी संगठन पाकिस्तान की सेना के लिए सिरदर्द बन गए हैं। सीपीईसी की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान ने सेना की दो अलग डीविजन भी बनाई हैं जिनमें लगभग 30 हजार सैनिक हैं। पाकिस्तान बदहाली में भी हर महीने लगभग 1 करोड़ रुपये इसकी सुरक्षा के लिए खर्च करता है। हालाकि फिर भी पाक सेना असहाय नजर आती है।

अपने इंजिनियरों और कामगारों पर बढ़ते हमले से नाराज चीन ने बलोचिस्तान में अपनी सेना तैनात करने के बारे में भी सोचना शुरू कर दिया है। बता दें कि पिछले साल नवंबर में, प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा सरकार के साथ अपना संघर्षविराम समाप्त किए जाने के बाद विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।

Web Title: China receives warning ultimatum to vacate Balochistan within 90 days danger on CPEC

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