चीन ने किया "पोलर सिल्क रोड" नीति का खुलासा
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 26, 2018 10:08 PM2018-01-26T22:08:52+5:302018-01-26T22:10:46+5:30
चीन ने आधिकारिक रूप से आर्कटिक नीति को श्वेत पत्र के द्वारा जारी किया। अपने श्वेत पत्र में चीन ने कहा कि, वह विभिन्न उद्यमों को बुनियादी ढांचों के निर्माण और प्रायोगिक व्यावसायिक यात्राओं के लिए प्रोत्साहित करेगा।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को अपनी महत्वाकांक्षाओं परियोजना वन बेल्ट एंड वन रोड (ओबोर) के विस्तार का खाका पेश किया है। इसमें ओबोर को आर्कटिक तक ले जाने वाली एक लेन तैयार की गई है। इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग के कारण खुले नए रास्तों का जहाजों की आवाजाही के लिए विकास किया जाएगा।
चीन ने आधिकारिक रूप से आर्कटिक नीति को श्वेत पत्र के द्वारा जारी किया। अपने श्वेत पत्र में चीन ने कहा कि, वह विभिन्न उद्यमों को बुनियादी ढांचों के निर्माण और प्रायोगिक व्यावसायिक यात्राओं के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही वह बुनियादी ढांचे और कारोबारी रास्ता तैयार करेगा जो भविष्य में आर्कटिक शिपिंग मार्ग के लिए रास्ता तैयार करेगा। चीन ने इसका नाम "पोलर सिल्क रोड" दिया है।
श्वेत पत्र के अनुसार, आर्थिक भूमंडलीकरण और क्षेत्रीय एकीकरण के विकास के बीच रणनीति ,अर्थव्यवस्था ,विज्ञान व तकनीक ,पर्यावरण ,जहाजरानी और संसाधन में आर्कटिक का मूल्य निरंतर बढ़ रहा है ।आर्कटिक मामले आर्कटिक क्षेत्र के बाहर के देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समग्र हितों से जुड़े हैं ,जिस का विश्वव्यापी महत्व और प्रभाव है। इस श्वेत पत्र में यह भी कहा गया है कि चीन आर्कटिक मामले में सकारात्मक हिस्सेदार, निर्माणकर्ता और योगदानकर्ता है।चीन आर्कटिक विकास के लिए चीनी बुद्धि और शक्ति प्रदान करेगा।