लाइव न्यूज़ :

चीन ने अमेरिका पर कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चल रहे अनुसंधान पर राजनीति करने का आरोप लगाया

By भाषा | Updated: August 25, 2021 18:55 IST

Open in App

कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट जारी होने से पहले चीन ने बुधवार को आक्रामक रुख अपना लिया। चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया कि अमेरिका, चीन को दोषी ठहराने के लिए मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय में महानिदेशक फू कॉन्ग ने विदेशी संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘चीन को बलि का बकरा बनाकर अमेरिका नहीं बच सकता। अगर वे आधारहीन तरीके से चीन पर आरोप लगाएंगे तो उन्हें चीन की ओर से और प्रभावी जवाबी कदम के लिए तैयार रहना चाहिए।’’ उल्लेखनीय है कि चीन, अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बीच इस बात को लेकर विवाद चल रहा है कि क्या वुहान की प्रयोगशाला से वायरस लीक होने से कोविड-19 फैला। वुहान में ही सबसे पहले कोरोना वायरस का मामला सामने आया था। इस साल की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ और चीन की संयुक्त रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया था कि प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की आशंका ‘ बहुत ही कम है’ और चीन अन्य संभावनाओं पर अनुंसधान करना चाहता है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात की बहुत संभावना है कि वायरस चमगादड़ से अन्य जानवरों तक और उनसे इंसानों तक पहुंचा। हालांकि, रिपोर्ट में दी गयी जानकारी निर्णायक नहीं थी और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानम घेब्रेयेसस ने मार्च में कहा कि ‘‘सभी परिकल्पनाओं पर विचार हो रहा है और पूर्ण व अधिक अनुसंधान की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसके बाद अपनी खुफिया एजेंसियों को 90 दिनों के भीतर वायरस फैलने की दोनों संभावनाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि रिपोर्ट के अवर्गीकृत संस्करण को ‘अगले कुछ दिनों’’ में जारी किए जाने की उम्मीद है। चीन, वुहान की प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की संभावना के जवाब में आशंका जता रहा है कि वायरस अमेरिका के मैरीलैंड स्थित सैन्य प्रयोगशाला फोर्ट डेट्रिक से लीक हुआ हो सकता है। विदेश मंत्रालय के शस्त्र नियंत्रण विभाग के प्रमुख फू ने इस बात से इनकार किया कि चीन दुष्प्रचार अभियान में शामिल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दूसरा पक्ष प्रयोगशाला से वायरस के लीक होने की बात पर जोर देता है तो डल्ब्यूएचओ के अनुसंधानकर्ताओं की टीम को फोर्ट डेट्रिक का दौरा करना चाहिए। इससे पारदर्शिता का भाव उत्पन्न होगा क्योंकि डब्ल्यूएचओ दो बार वुहान स्थित प्रयोगशाला का दौरा कर चुका है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

विश्वHong Kong Fire: भीषण आग की चपेट में दर्जनों जिंदगियां, हांगकांड में इमारतों में लगी आग में मरने वालों की संख्या 94 हुई, कई लोग अब भी लापता

विश्वHong Kong fire: मरने वालों की संख्या बढ़कर 65, 279 लोग अब भी लापता, अस्पताल में जूझ रहे 68

भारतविश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में 20 पदक, सोना ही सोना?, 09 स्वर्ण, 06 रजत और 05 कांस्य, भारतीय मुक्केबाजों ने चीन और इटली को धुना

कारोबारPM Modi in Bhutan: पीएम मोदी की भूटान यात्रा का चीन पहलू 

विश्व अधिक खबरें

विश्वFrance: क्रिसमस इवेंट के दौरान ग्वाडेलोप में हादसा, भीड़ पर चढ़ी कार; 10 की मौत

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

विश्वअड़चनों के बीच रूस के साथ संतुलन साधने की कवायद

विश्वलेफ्ट और राइट में उलझा यूरोप किधर जाएगा?

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए